गरीबों का संबल बनी मुख्यमंत्री जन-कल्याण और स्व-रोजगार योजना

 

 

खबरनेशन/Khabarnation                                                                                                                                                                                                                                      भोपाल

राज्य शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाएँ आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिये अभिभावक की भूमिका निभा रही हैं। हजारों बच्चों को गंभीर रोगों में नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा, बेरोजगार युवाओं को रोजगार सहायता और दु:ख का पहाड़ टूटने पर संबल योजना, बिजली बिल माफी आदि का सहारा मिला है।

अशोकनगर जिले के विकासखण्ड चंदेरी की पूजाबाई के पति का अचानक निधन हो गया। अंत्येष्टि के लिये भी पैसे नहीं थे। राज्य सरकार ने अंत्येष्टि के लिये 5 हजार और जीवन-यापन के लिये 2 लाख की अनुग्रह राशि दी। पूजा कहती है मुख्यमंत्री हमारे लिये माता-पिता से कम नहीं हैं।

डिण्डोरी जिले के ग्राम डांडबिछिया निवासी प्रेमसिंह बहुत खुश हैं। सरल बिजली बिल एवं मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी योजना में उनका 6 हजार 377 रुपये का बिल माफ हो गया है। मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करने वाले प्रेमसिंह के लिये यह बहुत बड़ी राशि थी। बिजली का बिल तो जमा करना चाहता था, पर इतनी बड़ी राशि का प्रबंध नहीं कर पा रहा था। सारी कमाई परिवार के भरण-पोषण में ही खर्च हो जाती है। पूरा बकाया माफ हो जाने से प्रेमसिंह का पूरा परिवार सुखी हो गया है।

इंदौर के गजेन्द्र बिल्लौरे बहुत खुश हैं, क्योंकि अब उन्हें दूसरों की नौकरी करने नहींजाना पड़ता। मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग स्व-रोजगार योजना में उन्होंने सीएनजी ऑटो रिक्शा के लिये आवेदन दिया था। औपचारिकताएँ पूरी होने के बाद उन्हें बैंक ऑफ इण्डिया से 2 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत हो गया। इससे उन्होंने ऑटो रिक्शा खरीदा है और प्रति दिन करीब 500 रुपये कमा रहे हैं। बारिश के मौसम और शादी-ब्याह आदि के दौरान यह कमाई और अधिक हो जाती है। 

गजेन्द्र बिल्लौरे पहले दूसरों के यहाँ 8-10 हजार रुपये की नौकरी करता था। इससे परिवार का गुजर-बसर करना मुश्किल हो रहा था। सरकार ने उसे ऑटो मालिक बना दिया है।

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