राहुल गांधी ने आरक्षण पर पत्र लिखकर महिला हितैषी होने का ढोंग किया : कृष्णा गौर

 
खबरनेशन /Khabarnation
                भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश मंत्री और महिला मोर्चा की प्रदेश प्रभारी कृष्णा गौर ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष  राहुल गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर कर दिया है। कांग्रेस द्वारा महिलाओं को तीन तलाक के अभिशाप से मुक्त कराने वाली पहल पर कांग्रेस पहले ही बेनकाब हो चुकी है। पत्र लिखकर  राहुल गांधी ने कांग्रेस को महिला हितैषी के रूप में पेश करने का दिखावा किया है, जिसे देश की जनता अच्छी तरह जानती है। महिलाएं  राहुल गांधी की टोटकेबाजी से भ्रमित होने नहीं है।

                श्रीमती गौर ने कहा कि एक ओर  राहुल गांधी महिला आरक्षण का समर्थन करते हुए दिखते हैं, दूसरी तरफ जिन राजनैतिक दलों से गठबंधन है वे सभी महिला आरक्षण के कट्टर विरोधी हैं। ऐसे में यदि  राहुल गांधी की महिला आरक्षण के लिए प्रतिबद्धता है, तो उन्हें अपने साथियों को महिला आरक्षण के लिए सहमत करना चाहिए और यदि वे सहमत नहीं होते तो  राहुल गांधी को उनके गठबंधन से बाहर का रास्ता तलाश लेना चाहिए। श्रीमती गौर ने कहा कि दरअसल कांग्रेस महिलाओं को विधानसभा और लोकसभा में महिला आरक्षण दिए जाने के प्रति गंभीर नहीं हैं। कांग्रेस को प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के पहले राजनैतिक सहमति बनाकर अपनी प्रतिबद्धता साबित करना थी, जो नहीं किया।

                श्रीमती गौर ने कहा कि कांग्रेस ने यूपीए प्रथम के दौर में राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराकर महिला हितैषी दिखने का ढोंग किया था। लेकिन जब मोदी सरकार ने अल्पसंख्यक महिलाओं को तीन तलाक के गति से निकालने के लिए पहल आरंभ की तब कांग्रेस ने फिर तुष्टीकरण का हथकंडा अपनाया और तीन तलाक का विरोध करने में महिलाओं का साथ नहीं दिया। कांग्रेस के इस दोहरे चरित्र को महिलाएं भली भांति जान चुकी हैं।

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