आदिवासी परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना में मिले घर

भोपाल। दिहाड़ी मजदूर कोक सिंह मुरैना जिले के ग्राम विलगांव क्वारी में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनान्तर्गत स्वयं के घर के मालिक बन गये हैं। इन्होंने समझदारी दिखाई और स्वच्छ भारत मिशन के तहत अपने घर में पक्का शौचालय भी बनवा लिया है। कोक सिंह ने अपना घर बनाने में पत्नी के साथ मजदूरी भी की, जिसका अलग से उसे 15 हजार रुपये भुगतान मिला है। 

दमोह जिले के ग्राम पुरा के नन्हू सिंह कल तक कवेलू के कच्चे मकान में रहते थे। बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता था। आये दिन साँप-बिच्छुओं से निपटना पड़ता था। नन्हू सिंह को प्रधानमंत्री आवास योजना में चयनित किया गया। फिर उसे मिला खुद का पक्का मकान आज नन्हू सिंह सुखी हैं।

इसी जिले की महिला शकुनबाई, पार्वतीबाई सहित अनेक महिलाओं को पक्के मकान के साथ-साथ उज्जवला योजना में नि:शुल्क घरेलू गैस कनेक्शन भी मिल गये हैं। अब इन महिलाओं को मिली राहत इनके चेहरे पर ही साफ दिखाई देती है। महिलाएँ स्थानीय बोली में सरकार को धन्यवाद देती हैं।

रतलाम जिले की सैलाना जनपद पंचायत की 47 ग्राम पंचायतों में करीबन ढाई हजार आदिवासी परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना में खुद के पक्के मकान नि:शुल्क मिल गये हैं। इनके अलावा जिले में लगभग एक हजार आदिवासी परिवारों को जल्द ही नि:शुल्क पक्के मकान में रहने को मिलेगा। इनके लिये मकान बनाने का काम जारी है।

ग्राम अम्बाकुड़ी के आदिवासी रामचन्द्र भाण्जी अब अपने परिवार के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना में मिले नये मकान में रहने पहुंच गये हैं। लोगों को बड़े गर्व से अपना पक्का मकान दिखाते हैं। रामचन्द्र पहले केदारेश्वर घाट के नीचे खाई के समीप कच्चे टपरे में रहते थे । पक्का मकान मिलते ही इनकी पत्नी दुर्गा को उज्जवला योजना में नि:शुल्क घरेलू गैस कनेक्शन भी मिल गया है। अब दुर्गा अपनी रसोई में प्रसन्नता के साथ परिवार के लिये भोजन बनाती हैं।

ग्राम चाँवलाखेड़ी में आदिवासी लालू के पास एक बीघा जमीन थी। उसने कभी सोचा नहीं था कि उसका भी पक्का मकान होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना ने इसके सपने को साकार कर दिया है। अब आदिवासी लालू अपने पक्के मकान में रहने लगा है जो सरकार ने उसे दिया है। लालू जैसे 48 आदिवासी परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध करवा दिये गये हैं। (खबरनेशन / Khabarnation)

Share:


Related Articles


Leave a Comment