उमरिया में आदिवासी कला-भित्ति चित्र बने जन-आकर्षण का केन्द्र

भोपाल। आमतौर पर कलाकारों द्वारा निर्मित कलाकृतियाँ, सांस्कृतिक केन्द्र, हाट-मेला आयोजन स्थल अथवा प्रदर्शनी स्थल में प्रदर्शित की जाती हैं। प्रदेश का उमरिया एक मात्र ऐसा जिला मुख्यालय हैं, जहाँ आदिवासी कलाकृतियों को अनोखे तरीके से नगर की दीवारों, भवनों आदि स्थानों पर प्रदर्शित किया गया हैं। उमरिया नगर के सार्वजनिक स्थानों पर उकेरी गईं ये कलाकृतियाँ पर्यटकों और दर्शकों के लिये आकर्षण का केन्द्र बन गई हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले वर्ष इन्हीं दिनों उमरिया प्रवास में इन आदिवासी भित्ति चित्रों का अवलोकन किया तो सराहना किये बिना नहीं रह सके। 

उमरिया जिला मुख्यालय में प्रवेश करते ही शहर की सार्वजनिक भवनों की दीवारों, बाउण्ड्री-वॉल, पुराना रेस्ट-हाउस, कलेक्टर बंगला और सामुदायिक भवन की दीवारों पर बनाये गये पशु-पक्षी, जानवर, आदिवासी संस्कृति के अन्य चित्र एवं पेड़-पौधे हर व्यक्ति का मन मोहते हैं। इन स्थानों पर साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता हैं। इससे नगर की सुंदरता देखते ही बनती हैं।

इन स्थानों पर आदिवासी कला भित्ति चित्रों की नायाब प्रस्तुति गोंडी पेंटिंग के जनक कहे जाने वाले कलाकार जनगण सिंह श्याम ने की हैं। इनकी कलाकृतियाँ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हैं। इनके द्वारा बनाई गई कलाकृति संसद भवन में शोभायमान हो रही हैं। डिण्डोरी जिले के ग्राम पाटनगढ़ में इनके वंशजों ने इन कलाकृतियों को जीवंत किया हैं। सार्वजनिक दीवारों पर कलाकृतियों को उकेरने में स्थानीय कलाकार दीपक दर्दवंशी की बहुत बड़ी भूमिका हैं। इन कलाकृतियों को देखने विदेशी सैलानी भी बड़ी संख्या में यहाँ पहुँचते हैं।

जिला प्रशासन ने विद्यालयीन छात्र-छात्राओं को इन आदिवासी कलाकारों से प्रशिक्षित करवाकर उनकी प्रतिभा को निखारने का अभिनव प्रयास किया हैं। इन विद्यार्थियों ने भी अपने हाथों से इन कला भित्ति चित्रों के कार्य को अंजाम तक पहुँचाया हैं। (खबरनेशन / Khabarnation)
 

Share:


Related Articles


Leave a Comment