जनता-जनार्दन के विरोध के कारण प्रचार को बीच में छोड़कर लौटे नारायण पटेल


निर्दलीय के पक्ष में एकजुट हुए रहवासी
अजीत लाड़,खण्डवा/ खबर नेशन/ Khabar Nation
 कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले नारायण पटेल से शायद "नारायण" भी रूठ गए हैं। तभी तो उनके पक्ष में सभा करने प्रदेशाध्यक्ष आते तो जनता-जनार्दन नहीं आती। बिकाऊ का आरोप कांग्रेस लगा रही सो अलबत्ता। रही सही कसर नारायण पटेल के चुनावी अभियान में पलीता लगाने का एक गांव के मतदाताओं ने किया । जहां युवाओं के भारी विरोध की वजह से उन्हें प्रचार बीच मे छोड़कर वापस जाना पड़ा ।
 नारायण पटेल ने जब से कांग्रेस का दामन छोड़ा है। ऐसा लगता है क़िस्मत ने भी उनका साथ छोड़ दिया है। एक तरफ़ भाजपा का शीर्ष नेतृत्व नारायण पटेल को चुनाव जिताने के लिए एड़ी-चोटी का बल लगा रहा है। दूसरी तरफ़ नारायण पटेल आएं दिन नई मुसीबतों से दो-चार हो रहें हैं। जिससे उनका चुनावी अभियान तो प्रभावित हो ही रहा। साथ में उनका राजनीतिक भविष्य भी। अभी तक तो कांग्रेस पार्टी उनपर बिकाऊ होने का आरोप लगा रही थी। अब नारायण के हिस्से में जनता का मुखर विरोध भी शामिल हो रहा है। 

          वाकया रविवार के चुनावी जन-अभियान का है। जब नारायण पटेल अपने समर्थकों के साथ प्रचार के लिए सीवर और फेपरिया गांव पहुँचते हैं। वहां पर गांव के युवाओं द्वारा नारायण पटेल पर जमकर वादाखिलाफी का आरोप-प्रत्यारोप लगाया जाता है। युवाओं ने तो यहां तक कह डाला कि जीतने के बाद गांव में चेहरा दिखाने तक नहीं आए और अब पाला बदलकर एक बार फिर हम से वोट मांगने आ गए हैं। इसपर नारायण पटेल कोई जवाब देने की स्थिति में नजर नहीं आएं। नारायण पटेल का विरोध यही नहीं रुका। स्थिति यह बन गई कि उनके सामने ही नारा लगा कि गांव वासी अब सिर्फ़ निर्दलीयों को वोट देंगे। बाक़ी की दाल नहीं गलेगी। ऐसे में भारी विरोध होता देख नारायण पटेल को अपने जन अभियान को बीच मे छोड़कर गांव से वापस होना पड़ा। ऐसे में देखने वाली बात यह है कि भारी विरोध का सामना कर रहें नारायण पटेल कैसे चुनाव जीतते हैं। एक तरफ़ विपक्ष तो उनपर हमलावर है ही, ऊपर से जनता का विरोध। ऐसे में अब नारायण पटेल की क़िस्मत सिर्फ़ नारायण के हाथ मे ही मालूम पड़ती है ।
देखें वीडियो। https://youtu.be/Joh8WCswAbo

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