फसलों के मूल्य स्थिरीकरण में भावान्तर भुगतान योजना सुरक्षा कवच सिद्ध हुई

दूसरे चरण में किसानों को होगा 697 करोड़ रू. का भुगतान
 

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रणवीर सिंह रावत ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में मंदी के प्रभाव से जहाॅ अन्य प्रदेशों में किसानों को मंदी का दंश भुगतना पड़ा, वहीं मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना ने मूल्य स्थिरीकरण की दिशा में उल्लेखनीय भूमिका का निर्वाह किया हैं। भावान्तर भुगतान योजना को लेकर विपक्ष ने जो भ्रांतियां उत्पन्न की थी, किसानों के अनुभव ने इसे शरारतपूर्ण मिथ्या दोषारोपण सिद्ध कर दिया हैं।
 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान के लिए राज्य सरकार ने 4 हजार करोड़ रू. का प्रावधान किया हैं। प्रथम चरण में किसानों को 140 करोड़ रू. का वितरण उनके बैंक खातों में किया जा चुका हैं। आगामी और दूसरे चरण में 6 जनवरी को सवा पांच लाख किसानों को उनके बैंक खातों में 697 करोड़ रू. का भुगतान किया जायेगा। दूसरे चरण में 1 नवम्बर से 30 नवम्बर तक फसल बेचने वाले किसानों को शामिल किया गया हैं।
 

रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री भावान्तर भुगतान योजना में रबी मौसम में किसानों को लाभ पहुंचाने पर सरकार विचार कर रही हैं। चना, मसूर, सरसों और प्याज को भी भावान्तर भुगतान योजना में शामिल करने पर विचार किया जा रहा हैं। सरकार की मंशा किसान को उसका लागत मूल्य सुनिश्चित करना हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में आरंभ की गई भावान्तर भुगतान योजना के सफल क्रियान्वयन से प्रभावित होकर जहाॅ अन्य राज्यों ने इसकी प्रक्रिया समझने का प्रयास किया हैं वहीं केंद्र सरकार भी भावान्तर भुगतान योजना को राष्ट्रीय स्तर पर अमल में लाने पर विचार कर रही हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया हैं कि वे काश्तकारों के हित में भावान्तर भुगतान योजना में राज्य पर पड़ने वाले वित्तीय भार में सांझेदारी करें।
(खबरनेशन / Khabarnation)

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