सर्वोच्च न्यायालय के जजों की अवधारणा पर प्रधानमंत्री अपना रूख करें स्पष्ट

कानून मंत्री दें इस्तीफा, जस्टिस बी.एच. लोया की हत्या से संबंधित चेहरे भी हो उजाकर

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने आजाद भारत के इतिहास में पहली बार सर्वोच्च न्यायालय के 4 न्यायाधीशों द्वारा पत्रकार वार्ता में उठाई गई साहसिक आवाज को देश को आगाह करने वाला उनका सराहनीय संवैधानिक दायित्व बताते हुए कहा कि इसके दूरगामी परिणाम भारतीय गणतंत्र की अस्मिता और पवित्र न्यायपालिका की साख को लेकर आने वाले दिनों में सोचने के लिए मजबूर करेंगे।
 

यादव ने न्यायपालिका में ‘‘पॉवर का दुरूपयोग’’ को लोकतंत्र के लिए एक घातक संकेत बताते हुए कहा है कि अब वक्त का तकाजा है कि वे चेहरे भी उजागर हों, जिनके कारण न्यायपालिका की साख पर धब्बा लग रहा है। यादव ने समूचे घटनाक्रम पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से केंद्र सरकार का रूख स्पष्ट किये जाने का अनुरोध करते हुए कहा है कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को तत्काल प्रभाव से अपने पद से त्याग-पत्र दे देना चाहिए। 
 

यादव ने सोहराबुद्वीन एनकाउंटर प्रकरण में सुनवाई कर रहे जज बी.एच. लोया की हत्या की भी जांच किये जाने की मांग को दोहराते हुए कहा कि इससे जुड़े प्रभावी चेहरे भी उजागर होने चाहिए। किसी हाईप्रोफाईल प्रकरण से संबंध एक जज की हत्या भी लोकतंत्र और न्यायपालिका के समक्ष एक गंभीर खतरे के रूप में सामने आई है। (खबरनेशन / Khabarnation)

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