खाड़ी के देशों में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत का परचम फहराया

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व सांसद आलोक संजर ने कहा कि खाड़ी और पश्चिम एशिया के तीन देशों की यात्रा कर जिस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनौतियों को अवसर में बदला हैं उसके कूटनीतिक मायने हैं जिन्हें समझकर विश्व के देश विस्मित हैं। नरेन्द्र मोदी फिलिस्तीन पहुँचने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने जिन्हें सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्होंने भारत की विदेश नीति में निरतरंता सुनिश्चित की हैं। फिलिस्तीन और इस्राईल परस्पर प्रतिद्वंदी हैं। फिलिस्तीन से अमेरिका के रिश्ते तनावपूर्ण हैं लेकिन परस्पर प्रतिद्वंदियों के बीच भारत को एक आशा की किरण के रूप में दुनिया देख रही हैं। इस्राईल के प्रधानमंत्री ने भारत पहुँचकर अपनी प्रगाढ़ता से विश्व को आश्चर्य चकित कर दिया। इसके बावजूद जब येरूशलम को इस्राईल की राजधानी का प्रस्ताव लाया गया था। भारत ने इसका विश्व मंच पर विरोध कर अपनी स्वतंत्र आवाज मुखर कर दुनिया को अपनी अहमियत बता दी थी। इस विरोधाभास के बीच मोदीजी ने संतुलन बनाकर अपनी कुशलता का जादू दिखा दिया हैं।
 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूएई की यात्रा में जहां निवेशकों को भारत आने की दावत दी। यूएई ने भारत में निवेश का विश्वास दिलाया हैं। इससे साबित होता हैं कि भारत के खाडी देशों से संबंधों में माधुर्य घुल रहा हैं। क्षेत्रीय शक्ति संतुलन की लिहाज से यात्रा सफल रही। फिलिस्तीन, यूएई और ओमान की यात्रा आर्थिक और सामरिक दृष्टि से बेहद सफल सिद्ध होगी और इसका लाभ भारत को मिलेगा। परस्पर संबंध सुधारने की दिशा में इस्राईल और फिलिस्तीन की निगाहे भारत पर टिकी हैं। भारत की कूटनीतिक क्षमता का इससे बड़ा सबूत क्या होगा कि विश्व के राजनैतिक फलक पर भारत की विश्वसनीयता का लगातार विस्तार हो रहा हैं। (खबरनेशन / Khabarnation)
 

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