कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन युवराज की ताजपोशी का जलसा बनकर रह गया: सिसोदिया

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल शपथ पत्र में भी रामसेतु बंध को लेकर श्रीराम के कथानक को ही काल्पनिक बता दिया था, लेकिन जब कांग्रेस की नैय्या डूब रही हैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी धार्मिकता का सहारा लेकर हारे को हरिनाम की कहावत चरितार्थ कर रहे हैं। वास्तव में कांग्रेस ने हमेशा धर्म और पुरातन परम्पराओं का मजाक उड़ाया हैं। देश की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। सिसोदिया ने कहा कि हिन्दुओं का मजाक उड़ाने के लिए राहुल गांधी कांग्रेसियों को पांडव बता रहे हैं। खुद की तुलना पांडवों से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नैतिकता रसातल में पहुंच चुकी हैं।
 

उन्होंने कहा कि 7 साल बाद कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन राहुल गांधी के अध्यक्ष पद पर मोहर लगाने के लिए आयोजित किया गया। उन्होंने सत्ताच्युत किये जाने पर दो दिन तक विलाप किया और उद्घाटन और समापन भाषण सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध को समर्पित रहा। न तो कोई दृष्टि उनके भाषण में परिलक्षित हुई और न उन्होंने वर्तमान परिस्थिति में जनता के हित में किसी योजना और कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। कुल मिलाकर सत्ता चली जाने की खीझ निकालते रहे जिससे कांग्रेसियों में हताशा देखी गई।
 

सिसोदिया ने कहा कि लोकतंत्र में जीत हार होती हैं, लेकिन पार्टी की लोकप्रियता, जनता का विश्वास घटने, पार्टी के अप्रासंगिक होने पर पार्टी समीक्षा करती हैं, आगे का समाधान सुझाती हैं कि किस तरह कांग्रेस डूबी और कैसे उसे जनता के बीच में विश्वसनीय बनाया जा सकता हैं, लेकिन ऐसी न तो राहुल गांधी में परिपक्वता नजर आई और न भविष्य की रूपरेखा तक प्रस्तुत कर पाये। कांग्रेस का 84वां राष्ट्रीय अधिवेशन युवराज की ताजपोशी का जलसा बनकर समाप्त हो गया। (खबरनेशन / Khabarnation)
 

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