किसानों के हित में नरेन्द्र मोदी ने विकसित देशों के खिलाफ मोर्चे का नेतृत्व संभाला

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि अमेरिका और विकसित देशों के किसानों के प्रति नकारात्मक रवैये के विरोध में न्यायोचित मांग के लिए भारत विकासशील देशों की अगुवाई करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा हैं कि विकसित देश अपने यहां किसानों की भरपूर भरपाई करने के लिए आजादी का उपयोग करते रहे और विकासशील देश किसानों को खाद्य सुरक्षा के हित में मदद से हाथ खींच ले यह स्थिति बर्दाश्त नहीं की जायेगी। भारत के समर्थन में समूह जी 33 के 47 देशों ने कृषि मुद्दे पर भारत को पूरा समर्थन दिया हैं। इस मामले में भारत के विचार से चीन ने भी सहमति जतायी हैं।
 

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूटीओ की कल्पना वैश्विक गांव की हैं। दुनिया में उद्योग, व्यापार, वाणिज्य को सहज सुगम बनाने का उद्देश्य रखा जाता हैं। 1995 में जो प्रस्ताव आया था उसमें कृषि व्यापार को व्यापक बनाया गया था लेकिन बाद में व्यूनस आयर्स में अमेरिका सहित विकसित देशों ने स्वार्थ पूर्ण गुटबंदी आरंभ कर दी। विकासशील देशों के हितों को ओझल कर दिया गया। नोबल पुरस्कार विजेता जोसेफ ई स्टिग्लिेज का कहना हैं कि डब्ल्यूटीओ का एजेंडा एवं उसके नतीजे विकासशील देशों के खिलाफ हैं। अमेरिका और विकसित देश आर्थिक संरक्षणवाद की उंची दीवारे खड़ी करते जा रहे हैं।
 

चौहान ने कहा कि भारत के द्वारा खाद्य सुरक्षा से जुड़े विकासशील देशों की आवाज को डब्ल्यूटीओ के तहत आगे बढ़ाने के लिए फरवरी 2018 में आयोजित की जाने वाली बैठक सार्थक सिद्ध हो सकती हैं। इस बैठक की पहल भारत द्वारा किए जाने का उद्देश्य डब्ल्यूटीओ के आगामी मंत्रि स्तरीय सम्मेलन में विकसित देशों को लचीला रवैया अपनाने के लिए बाध्य करेगी। भारत ने मोदी के नेतृत्व में किसान और खाद्य सुरक्षा के समर्थन में विश्व के विकासशील देशों में नई जान फूंकने का कार्य किया हैं। इससे समर्थन मूल्य पर खरीदी, सब्सिडी जैसी व्यवस्था जारी रखी जा सकेगी। क्योंकि खाद्य सुरक्षा के लिए यह आवश्यक हैं। (खबरनेशन / Khabarnation)
 

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