बालाघाट में मूलचंद ने की केले की खेती की शुरूवात

भोपाल। बालाघाट जिला मध्यप्रदेश में धान की खेती के लिये पहचाना जाता है। जिले के ग्राम नरसिंगा के किसान मूलचन्द भी वर्षों से अपने खेत में धान की खेती कर रहे हैं। किसान मूलचन्द को धान की खेती से पिछले कुछ वर्षों से कम मुनाफा मिल रहा था। इसकी चर्चा उन्होंने अपने क्षेत्र के उद्यानिकी अधिकारी से की। उद्यानिकी अधिकारी ने उन्हें नई तकनीक के साथ केले की खेती करने की सलाह दी।
 

किसान मूलचन्द गजभिये ने टीसू कल्चर, जी-09 प्रजाति के 600 केले के पौधे अपने खेत में लगाये। उनके द्वारा लगाये गये ज्यादातर केले के पौधे सही सलामत हैं। मूलचन्द ने बताया कि केले की फसल लगाने में 60 हजार रुपये की राशि खर्च हुई है। उन्हें प्रति पौधे पर 30 किलोग्राम तक केला फल मिलेगा। मूलचन्द को अनुमान है कि उद्यानिकी अधिकारी के मार्गदर्शन में उन्हें 4 लाख रुपये तक की आमदनी होगी। किसान मूलचन्द ने केले के खेत के पास ही मुर्गी पालन के लिये पोल्ट्री फार्म भी खोला है। वे मुर्गियों की बीट का उपयोग केले की फसल में खाद के रूप में कर रहे हैं। इससे केले के पौधे अच्छी स्थिति में है।
बालाघाट में अभी केले की कुल मांग का केवल 2 प्रतिशत उत्पादन ही होता है। मांग की बाकी पूर्ति जिले के बाहर से की जाती है। आज मूलचंद के खेत में लगे केले के पौधों को देखकर क्षेत्र के अन्य किसानों ने भी पूछताछ शुरू कर दी है। इन किसानों ने भी अपने खेत के कुछ हिस्से में केले की फसल लेने का निर्णय लिया है। उद्यानिकी विभाग बालाघाट जिले में केले की खेती को बढ़ावा देने के लिये प्रयास कर रहा है। (खबरनेशन / Khabarnation)

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