देश के नव-निर्माण में सबसे बड़ा योगदान मध्यप्रदेश का होगा

मध्यप्रदेश में विकास विज़न के रोडमैप पर तेजी से हो रहे कार्य

"नया आसमान-नई उड़ान'' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान 

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा हैं कि देश के नव-निर्माण में सबसे बड़ा योगदान मध्यप्रदेश का होगा। मध्यप्रदेश में विकास का स्पष्ट विज़न हैं और रोडमैप पर सुनिश्चित तरीके से कार्य हो रहा हैं। गाँव और नगर स्मार्ट बनेंगे। किसानों की आय को दोगुना किया जायेगा। प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा गरीबों की आमदनी बढ़ाने, कुटीर उद्योग-धंधों की बेहतरी और पर्यटन में रोजगार उपलब्ध करवाने के कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के सार्थक प्रयासों के परिणाम अब जमीनी स्तर पर भी दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान 'नया आसमान, नई उड़ान' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह भी कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नमामि देवी नर्मदे और कृषि पर केन्द्रित कॉफी टेबल पुस्तकों का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मूल मंत्र 'सबका साथ सबका विकास' को अपना कर प्रदेश सरकार ने सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और आध्यात्मिक विकास की नवाचारी पहल की हैं। बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ ही आध्यात्मिक वातावरण विकसित करने के प्रयास भी किये जा रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार को विरासत में मिले बेहाल मध्यप्रदेश का जिक्र करते हुए बताया कि हमारी सरकार ने राज्य में अधोसंरचना विकास के कार्य तेजी से पूरे किये हैं। प्रदेश में करीब डेढ़ लाख किलोमीटर शानदार सड़कें बन गई हैं। गाँवों में भी अब चौबीस घंटे बिजली मिल रही हैं। प्रदेश में पहले सिंचाई सुविधा केवल साढ़े सात लाख हेक्टेयर में ही उपलब्ध थी। आज डेढ़ दशक में यह बढ़कर 40 लाख हेक्टेयर हो गई हैं। चौहान ने कहा कि इसे 80 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और समाज में समरसता बनाये रखने के लिये विकास कार्य जन-सहभागिता से कराये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गरीब कल्याण एजेण्डे के अनुसार राज्य सरकार गरीबी दूर करने के मॉडल पर कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना 'संबल' का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया हैं। गरीबों को सस्ता खाद्यान्न, नि:शुल्क इलाज, नि:शुल्क शिक्षा, रहने के लिये जमीन उपलब्ध कराने के साथ ही जीवन के आरंभ से लेकर अंत तक राज्य सरकार गरीबों के साथ खड़ी हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये शिक्षकों के लिये सम्मानजनक वेतन की व्यवस्था की गई हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये केन्द्रीयकृत व्यवस्था का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि बैतूल में शीघ्र ही लैब, लायब्रेरी, शिक्षक आदि सारी उत्कृष्ट सुविधाओं सहित नवाचारी विद्यालय प्रारभं किया जा रहा हैं। इस स्कूल में आस-पास के क्षेत्रों से 5 हजार बच्चे पढ़ने आयेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रयोग की सफलता सुनिश्चित होने पर इसका प्रदेश में विस्तार किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि लोगों को अच्छा लगने पर छोटे-छोटे स्कूलों के स्थान पर 'बड़ा गाँव बड़ा स्कूल' की व्यवस्था की जायेगी।

म.प्र. के धान को जी.आई. टैग दिलवाने में सहयोग करे केन्द्र

मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह को किसानों के हित संरक्षण के लिये उपज की लागत का 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर समर्थन मूल्य तय करने के लिये बधाई दी। चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को दस गुना ज्यादा ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध करवाया हैं। फ्लैट रेट पर विद्युत, खाद्य का अग्रिम भंडारण, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार और आपदा के समय भरपूर राहत उपलब्ध कराने के प्रयास किये हैं। गेहूँ उत्पादक किसानों को समर्थन मूल्य के अलावा 265 रूपये अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि के रूप में दिये गये हैं। यही कारण हैं कि आज प्रदेश गेहूँ उत्पादन में पंजाब और हरियाणा राज्यों से भी आगे निकल गया हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में समर्थन मूल्य पर 11 लाख क्विंटल से अधिक चने की खरीदी हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय कृषि मंत्री एवं किसान कल्याण सिंह से अनुरोध किया कि चने के बम्पर उत्पादन के कारण इसकी अधिकतम सीमा को बढ़ाया जाये और मध्यप्रदेश के धान को जी.आई. टैग दिलवाने में केन्द्र सरकार सहयोग करे।

आँकड़ों की जुबानी-विकास की कहानी

चौहान ने विगत डेढ़ दशक में प्रदेश में हुये विकास के आँकड़ों की जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान प्रति व्यक्ति आय 15 हजार 442 रूपये से बढ़कर 79 हजार 909 रूपये हो गई हैं। विद्युत उत्पादन 2900 मेगावाट से बढ़कर 18 हजार 364 मेगावॉट हो गया हैं। सड़कें 45 हजार किलोमीटर से बढ़कर 95 हजार किलोमीटर हो गई हैं। प्राथमिक शालाएं 55 हजार 980 से बढ़कर 83 हजार 890, माध्यमिक शालाएं 12 हजार 490 से बढ़कर 30 हजार 341, हाई स्कूल 1704 से बढ़कर 4 हजार 740, हायर सेकेण्डरी 1517 से बढ़कर 3815 हो गये हैं। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना में कभी 8 करोड़ 77 लाख रूपये मिलते थे। आज यह राशि बढ़कर इसी वर्ष से 1886 करोड़ रूपये हो गई हैं।

इस मौके पर जागरण प्रकाशन के प्रमुख महेन्द्र मोहन गुप्ता ने स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर और भोपाल शहर को सम्मानजनक स्थान मिलने पर बधाई दी। पॉलीटिकल एडिटर ऋषि पांडे ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह, जागरण समूह के संपादक तरूण गुप्ता, समूह के पॉलीटिकल एडिटर प्रशांत मिश्रा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजय शुक्ला भी मौजूद थे।

(खबरनेशन / Khabarnation)
 

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