नगरीय निकाय चुनाव टालने के झूठे आरोप
जिन लोगों ने अपनी सरकार में मंडी व सहकारिता के चुनाव टाले, वह कांग्रेस सरकार पर नगरीय निकाय चुनाव टालने
के झूठे आरोप किस मुंह से लगा रहे हैं ?
नगरीय निकाय चुनाव में भी विधानसभा चुनाव की तरह भाजपा का सूपड़ा साफ होगा, कांग्रेस को कोई डर नहीं
वार्डो के परिसीमन की कार्रवाई व अन्य निर्णयों के कारण नगरीय निकाय चुनाव मे थोड़ी देरी हुई: नरेंद्र सलूजा
भोपाल, 22 अगस्त 2019
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने भाजपा नेताओं द्वारा आज नगरीय निकाय चुनाव को लेकर लगाए गए झूठे आरोप कि ‘‘कांग्रेस हार के डर से नगरीय निकाय चुनाव टालना चाहती है“, को मुंगेरीलाल के हसीन सपने बताते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव की तरह इस नगरीय निकाय चुनाव में भी भाजपा का पूरा सूपड़ा साफ होगा। जिन लोगों ने अपनी सरकार में ना मंडी चुनाव समय पर कराये और ना सहकारिता के चुनाव समय पर कराये, वह किस मुंह से इस तरह के झूठे और बेतुके आरोप लगा रहे हैं?
सलूजा ने बताया कि प्रदेश के 16 नगर निगम, 98 नगर पालिका और 272 नगर परिषद में चुनाव को लेकर निकायों की सीमा बढ़ाने-घटाने का कार्य, परिसीमन का कार्य चल रहा है। नगरीय निकाय चुनाव में सुधार हेतु सरकार द्वारा बनायी गयी मंत्री परिषद समिति भी चुनाव सुधार को लेकर निरंतर बैठकें लेकर सुधार हेतु आवश्यक निर्णय ले रही है। वर्तमान परिसीमन में वार्डों में जनसंख्या की तुलना में काफी असंतुलन है। जनता वर्षों से नये परिसीमन की माँग कर रही थी, इसलिए परिसीमन किया जाना बेहद आवश्यक था, जिससे वार्डों में असंतुलन खत्म होकर एकरूपता हो सके। इस परिसीमन की आवश्यक कारवाई के कारण निकाय चुनाव में थोड़ी देरी हुई है।
कांग्रेस सरकार की शुरू से ही यह सोच रही है कि निष्पक्ष चुनाव संपन्न हो, बेहतर प्रतिनिधित्व चुनकर आये, वार्डों में एकरूपता आये। बेहतर हो भाजपा झूठे आरोप लगाने की बजाय, चुनाव सुधार पर व परिसीमन के कार्य पर अपनी सलाह दें। नगरीय निकाय चुनाव के आरक्षण का कार्यक्रम जारी हो चुका है। इन चुनाव को लेकर भाजपा के लगाये सारे आरोप बेबुनियाद व तथ्यों के विपरीत है। डर तो खुद भाजपा को है कि कमलनाथ सरकार ने इन नौ माह में ही इतने जनहितैषी कार्य कर दिये है, तो इन चुनावों में उनका सामना कैसे करेंगे।