भारत और फ्रांस के बीच रक्षा समझौता ऐतिहासिक कदम

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और सांसद आलोक संजर ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति इस इमैनुएल मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनयिक पहल पर विश्व के सभी दलों की निगाहे केन्द्रित रही हैं। चौदह समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। लेकिन इस कूटनीतिक पहल को कारोबारी सामान्य पहल नहीं कहा जा सकता हैं। अमेरिका के बाद फ्रांस ही ऐसा शक्तिशाली देश हैं जिसके साथ भारत ने सामरिक हित का बड़ा समझौता किया हैं और समुद्री ताकत का सशक्तिकरण किया हैं।
 

उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच हुए समझौता के अंतर्गत दोनों देश परस्पर सेना के ठिकानों का उपयोग कर सकेंगे। साजो सामान की आपूर्ति से लेकर युद्धाभ्यास, प्रशिक्षण में सहयोग करेंगे। समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा, जल पोतों की निगरानी और जल सर्वेक्षण में परस्पर सहयोग करेंगे।
 

संजर ने कहा कि इस सामरिक समझौतों का उद्देश्य कोई देश-विदेश को चुनौती देना नहीं अपितु भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए खबरदार रहना हैं। सामरिक समझौते के अलावा पर्यटन, रेलवे के आधुनिकीकरण अंतरिक्ष सहयोग, पर्यावरण संरक्षण जैसे समझौते भी कारगर हुए हैं। बिगड़ते पर्यावरण के समाधान के लिए पेरिस में जो समझौते हुए थे उस एजेंडा को भारत और फ्रांस ने समयबद्धता में पूरा करने का संकल्प भी दोहराया हैं।
 

उन्होंने कहा कि फ्रांस के साथ सहयोग 1998 से ही आरंभ हो चुका था लेकिन इस बार यह चरम पर पहुंचा हैं। दोनों ने दुनिया का बदलते मौसम की चुनौती से निपटने के लिए सौर क्रांति का नया संदेश दिया हैं। सबसे बड़ी कामयाबी यह हैं कि फ्रांस और भारत ने समुद्री क्षेत्र में स्वतंत्र आवाजाही और बेरोकटोक व्यापार व्यवसाय की सुरक्षा की प्रतिबद्धता दोहराई हैं। (खबरनेशन / Khabarnation)
 

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