आर्थिक अपराधी की संपत्ति जप्त कर कर्ज की वसूली का ऐतिहासिक प्रावधान

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूणावत ने कहा कि आर्थिक अपराधियों द्वारा बैंकिंग संस्थाओं से कर्ज लेकर देश के बाहर पलायन करने की लगातार बढ़ती प्रवृत्ति ने देश में एनपीए को खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने नीरव मोदी और माल्या जैसे भगोड़ों की संपत्ति तक पहुंच बनाकर जप्त करने और संपत्ति बेचकर धन की वसूली का रास्ता आसान बनाने के लिए भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल 2018 संसद में पेश किया था, लेकिन संसद में बरपाये गये हंगामा के कारण विधेयक पास नहीं हो पाया। ऐसे में सरकार ने अध्यादेश लाने का मार्ग अपनाया हैं।

उन्होंने कहा कि अध्यादेश में प्रावधान किया गया हैं कि आर्थिक अपराधियों पर जो कर्ज लेकर देश से भाग गये हैं और देश में लौटने से इंकार करते हैं, उन्हें हिरासत में लिया जा सकेगा। एक सौ करोड़ रू. से अधिक बकाया होने पर उसे डिफाल्टर सूची में शामिल किया जायेगा। बिना किसी इजाजत के अपराधी की संपत्ति जप्त की जा सकेगी। उस संपत्ति को बेचकर उधारदाताओं का  कर्ज पटाया जायेगा। ऐसे अपराधियों के विरूद्ध मनी लाडरिंग का मुकदमा भी चलेगा।
लूणावत ने कहा कि अध्यादेश में प्रावधान होगा कि डायरेक्टर (पीएमएलए के तहत नियुक्त) विशेष न्यायालय के सामने किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग कर सकता हैं। इस पर कोर्ट अपराधी के विरूद्ध नोटिस जारी करेगी। निर्धारित समय में उसे न्यायालय को संतुष्ट करना होगा। न्यायालय चाहे तो उसे भगोड़ा घोषित नहीं करेगी। (खबरनेशन / Khabarnation)

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