मंत्री रामपालसिंह के बेटे के खिलाफ आत्महत्या हेतु दुष्प्रेरित करने का प्रकरण दर्ज करने की मांग

मध्यप्रदेश के लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह के बेटे गिरजेश सिंह के खिलाफ आत्महत्या के लिये प्रेरित किये जाने का प्रकरण दर्ज किये जाने की मांग कांग्रेस द्वारा की गई हैं। गौरतलब हैं कि कल भोपाल के नेहरू नगर क्षेत्र में प्रीति रघुवंशी ने आत्महत्या कर ली थी। प्रीति के साथ गिरजेश सिंह ने आर्य समाज मंदिर में शादी की थी एवं इस बात को अपने परिवारजनों से छिपा रखा था। कांग्रेस प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने आज उक्त शादी के सबूत पेश करते हुए यह मांग की।  

एक ओर प्रदेश में हर दिन 15 बेटियां हैवानियत का शिकार हो रही हैं, मात्र 01 साल में 5310 महिलाओं के साथ ज्यादती का शर्मनाक आंकड़ा मप्र में सामने आया है, जो देश में नंबर 01 है। राजधानी भोपाल में ही बच्चियों के साथ हो रहे छेड़छाड़ के मामलों को लेकर गुंडा विरोधी अभियान जारी है, महिलाऐं और बच्चियां बिगड़ती कानून-व्यवस्था, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, महिलाओं-बच्चियों की बलात्कार के बाद हत्याओं की दहशत में जी रही हैं। हांलाकि इन सब वीभत्स स्थितियों के बीच भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान का राजनैतिक बेशर्मी से दिया गया वह बयान अपराधियों को बुलंदी दे रहा है, जिसमें उन्होंने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच सार्वजनिक तौर पर यह कहा है कि ‘‘अपराधियों को बचाना हमारी मजबूरी है!’’ 

कांग्रेस पार्टी इस वीभत्स दौर की कड़ी में एक ओर बड़ी कड़ी जोड़ते हुए प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री रामपालसिंह के सत्ता के मद में डूबे शराबखोर पुत्र गिरजेश प्रताप सिंह के गंभीर कारनामों को उजागर कर रही है। पार्टी के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार गिरजेश प्रताप सिंह का उदयपुरा (जिला रायसेन) निवासी प्रीति रघुवंशी पिता चंदनसिंह रघुवंशी से झूठा प्रेम-प्रसंग चल रहा था, प्रीति रघुवंशी सेे अपने मंत्री पिता की ऊंचाईयों का हवाला देकर उसे शादी करने का न केवल प्रलोभन दिया, बल्कि राजधानी भोपाल के नेहरू नगर आर्य समाज मंदिर समिति में ‘‘आर्य विवाह एक्ट-1937 के अंतर्गत’’ प्रमाण-पत्र क्रमांक 512, दिनांक 20.6.17 को आर्य समाज पद्वति से विवाह भी कर लिया। इस विवाह को गिरजेश ने न केवल छुपाये रखा, बल्कि पिछले चार-पांच महीनों से वह प्रीति को विवाह से संबंधित दस्तावेज लौटाने के लिए मानसिक और शारिरिक दबाव भी बनाये हुए था, ऐसा इसलिए किया जा रहा था कि गिरजेश दूसरी शादी कर सके। यही नहीं इस विवाह के पूर्व गिरजेश प्रताप सिंह ने प्रीति रघुवंशी के हो रहे तीन वैवाहिक रिश्तों को भी तुड़वा दिये थे। 

इस धोखे / शारीरिक/ मानसिक प्रताड़ना के कारण परेशान प्रीति रघुवंशी ने कल 16 मार्च, 18 को गिरजेश के इस घिनौने चरित्र के विरोध में आत्महत्या कर ली है। एक चरित्रहीन और शराबखोर मंत्री पुत्र के इस आचरण के कारण प्रदेश की एक बेटी को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा है और उसका बिलखता हुआ परिवार सरकार / स्थानीय प्रशासन ने न्याय की गुहार कर रहा है। कांग्रेस को प्राप्त जानकारी अनुसार ने स्थानीय पुलिस इस गंभीर प्रकरण को राजनैतिक दबाववश दबाने के लिए न केवल प्रीति रघुवंशी के परिजनों पर दबाव डाल रही है, दस्तावेजी सबूतों को खत्म करने हेतु कहा जा रहा है और मीडिया को भी इस संदर्भ में तथ्यात्मक जानकारी देने से मना कर दिया गया है, जो महिला उत्पीड़न और ध्वस्त कानून-व्यवस्था के पर्याय बन चुके मप्र में प्रदेश की बेटियों की अस्मत को नीलाम करने का घिनौना सरकारी प्रयास है। जिससे प्रदेश में कानून के राज की स्थापना के पीटे जा रहे ढोल की कलाई खुल चुकी है और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के उक्त बयान को वास्तविकता का स्वरूप देने के लिए पर्याप्त है। 

कांग्रेस पार्टी की मांग है कि जिस तरह से प्रदेश की राजधानी भोपाल में महिलाओं की अस्मिता को नौंचने वाले अन्य अपराधियों के साथ पुलिसियाई सलूक किया जा रहा है। इस गंभीर मसले को लेकर पुलिस का संवैधानिक चरित्र विपरीत आचरण को क्यों दर्शा रहा है? 
कांग्रेस पार्टी का सीधा आरोप है कि हाल ही में कुल माह पूर्व हबीबगंज थाना क्षेत्र में एक कार में शराब के नशे में धुत्त दो लड़कियों द्वारा शीशा खोलकर सार्वजनिक तौर पर कोहराम मचाये जाने की जो चर्चा सामने आयी थी, जिसे पुलिस ने राजनैतिक दबाववश दबा दिया था, वह सरकारी कार भी मंत्री रामपालसिंह की ही थी, जिसमें गिरजेश भी उन लड़कियों के साथ सवार था। 

कांग्रेस पार्टी की मांग है कि प्रदेश की एक बिटिया द्वारा सत्ता के मद में अंधे मंत्रीपुत्र द्वारा किये गये धोखे, शारीरिक/ मानसिक उत्पीड़न के बाद की गई आत्महत्या के कारण मामला सामान्य से अधिक गंभीर है। लिहाजा, मंत्रीपुत्र गिरजेश प्रताप सिंह के विरूद्व भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा-306 के तहत आत्महत्या हेतु दुष्प्रेरण का मामला दर्ज किया जाये, ताकि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ जैसे बहुप्रचारित सरकारी अभियान की गंभीरता का प्रमाण सामने आ सके। साथ ही लोक निर्माण मंत्री रामपालसिंह का तत्काल प्रभाव से मंत्री पद से त्याग पत्र लिया जाये, क्योंकि मंत्री पद पर रहते हुए वे अपने अपराधी पुत्र को बचाने और साक्ष्यों को मिटा सकते हैं, जिससे पीडि़त पक्ष को कानून के राज की स्थापना के विपरीत अन्याय का सामना करना पड़ेगा। 
 

कांग्रेस पार्टी का प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से भी विनम्र आग्रह है कि वे यदि महिलाओं की अस्मिता को लेकर वास्तव में गंभीर हैं तो वे जन अपेक्षाओं का माध्यम बनी कांग्रेस पार्टी की इस आवाज को अपना पुरजोर समर्थन दें और प्रदेश में ‘‘कानून के राज की स्थापना’’ है या नहीं, उसका भी सबूत दें। (खबरनेशन / Khabarnation)
 

Share:


Related Articles


Leave a Comment