भाजपा जिला की सीएए विषय पर जन-जागरण हेतु बैठक संपन्न

 

यह कानून नागरिकता देने का है नागरिकता लेने का नहीं-कैलाश विजयवर्गीय

खबर नेशन /Khabar Nation

इंदौर  / भाजपा जिला अध्यक्ष अशोक सोमानी और जिला मीडिया प्रभारी मुकेश जरिया ने बताया कि लोकसभा में पास नागरिकता संशोधन अधिनियम के संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी कार्यालय, इंदौर पर बैठक की शुरूआत भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा, कानून विशेषज्ञ निशांत खरे, उमानारायण पटेल, कविता पाटीदार, मधु वर्मा, राजेश सोनकर, मनोज पटेल, रवि रावलिया, कंचनसिंह चौहान, ओम परसावदिया, गुमानसिंह पंवार ने भारत माता, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर की।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून बिल पिछली लोकसभा में भी आया था, जो कि लोकसभा में पास हो गया, लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं होने की वजह से पास नहीं हो पाया था, लेकिन इस बार लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों में पास होने पर कानून बन गया। इस कानून को हम नागरिकता संशोधन कानून सीएए-2019 के रूप मेंं जान रहे है। इस कानून के बनने से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगलादेश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किये जा रहे हिन्दू, सिख, पारसी, बौद्ध, जैन और इसाईयों को यह कानून भारत में सुविधा और सम्मान देगा। सुविधा और सम्मान के साथ नागरिकता प्रदान करता है, लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ लोग विरोध करते हुए भ्रम फैलाकर समाज को गुमराह करने का काम कर रहे है। पिछली बार हमारे प्रधानमंत्रीजी के नाम पर तरह-तरह के नारे और आरोप ये लोग लगाते थे, लेकिन देश की जनता उनके साथ हो गई और इसी वजह से इतने सारे देशहित में काम हमारे प्रधानमंत्रीजी ने किए। यह कानून नागरिकता देने का है नागरिकता लेने का नहीं।

हमारे लिये चुनाव जीत कर कुर्सी प्राप्त कर लेना भर नहीं है, हमारे लिये देशहित और राष्ट्रहित सर्वोपरि है। भारत के हित में कार्य करना ही हमारा उददेश्य है। पूरा देश प्रधानमंत्रीजी के साथ है । इस कानून से किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। यह सभी भारतवासियों के लिये एक समान है। जो पीड़ित होकर आये है उनको हमें सहारा देना है, विश्वास देना है लेकिन इसकेलिये किसी से कुछ भी छिनना नहीं है। इस कानून का जनजागरण करने के लिये ज्यादा से ज्यादा परिसर बैठकें करके लोगों तक पहुंचना और इसकी जानकारी सभी को बताना है।

संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा ने कहा कि इस कानून को लेकर व्यापक जन-जागरण अभियान चलाकर विरोधी दुष्प्रचार को करारा जवाब देना है। आपने इस कानून के संदर्भ में कार्यकर्ताओं को किस तरह आमजन के बीच जाकर चर्चा करना है और इसके अंतर्गत घर-घर जनसंपर्क अभियान चलाना है। प्रबुद्धजनों की संगोष्ठी करना है। छोटी-छोटी संगोष्ठियां ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर करना है। नागरिकता अधिकार सम्मान के कार्यक्रम करना है। प्रबुद्धजनों के हस्ताक्षर अभियान को चलाना है। इस तरह इस कानून के समर्थन में वे सभी कार्य करना है जिससे विरोधियों द्वारा फैलाई गई भ्रांतियों को दूर किया जा सके।
नागरिकता संशोधन कानून विशेषज्ञ डॉ. निशांत खरे ने संविधान के अनुसार सभी से विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि इस कानून को लेकर भ्रामक जानकारियां देकर छात्रों को आगे कर आंदोलन चलाया जा रहा है। जबकि इस कानून में ऐसी कोई भी बात नहीं है जिससे देश में रहने वाले किसी भी व्यक्ति का कोई भी नुकसान हो सके। सही में यह कानून नागरिकता 1955 का संशोधन बिल है। इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बंगलादेश में धर्म के आधार पर प्रताड़ित और तरह-तरह की वेदनाएं सहन करके शरणार्थी के रूप में यहां पर जीवन यापन कर रहे लोगों को नागरिकता देने का भरोसा है। किसी की भी नागरिकता लेने का इसमें कोई भी शब्द नहीं हैं। इसके अंतर्गत दुनियाभर का कोई भी मुस्लिम बंधु भी नागरिकता के लिये अप्लाय कर सकता है। इसके लिये जो सामान्य प्रक्रिया पूरी करना है, यह कानून एन्टी मुस्लिम बिल्कुल भी नहीं है। यह भ्रम फैलाकर बताया जा रहा है कि यह मुस्लिमों के खिलाफ है यह बात सरासर गलत और मिथ्या है। आपने कहा कि इस कानून का हवाला देकर विरोधी लोग भ्रम फैलाकर यह कह रहे है कि देश में बड़ी संख्या में अन्य लोग आ जायेंगे, जिनकी रोजी-रोटी की व्यवस्था हमें करना पड़ेगी, ऐसा कुछ भी नहीं है यह तो यहां जो लोग पहले से शरणार्थी के रूप में आये हुए है और वर्तमान में सरकार के द्वारा सारी व्यवस्थाएं की भी गई है फिर अलग से कौन सी व्यवस्था करने की बात की जा रही है। यह सुनियोजित षड़यंत्र चलाकर छात्रों को आगे करके बेवजह के आंदोलन चलाये जा रहे है। इसमें यह भी कहा गया कि देश के गृहमंत्री ने सभी वर्गो का नाम लिया गया लेकिन मुस्लिम समुदाय का नाम क्यों नहीं लिया गया। क्योंकि मुस्लिम समुदाय से जो भी लोग यहां आये है वे अपने देश में धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर नहीं आये है फिर भी कोई मुस्लिम व्यक्ति यहां की नागरिकता लेना चाहता है तो उसे नागरिकता लेने की मनाही नहीं है।
बैठक में नेतागणों के प्रश्नों का समाधान कानून विशेषज्ञ निशांत खरे ने किया और उन्हें जरूरी सुझाव भी दिये।
बैठक में मुख्य रूप से विष्णुप्रसाद शुक्ला, महेन्द्रसिंह ठाकुर, रामस्वरूप गेहलोद, मुकेश सूरा, मुकेश जरिया, गुलाब राजोरा, शैलेष गिरजे, पुरूषोत्तम धाकड़, हेमचन्द्र मित्तल, अंतर दयाल, मुकेश चोहान, शेखर बुंदेला सहित मंडल अध्यक्ष, वरिष्ठ भाजपा नेतागण उपस्थित थे।
संचालन डॉ. राजेश सोनकर ने किया एवं आभार गुमानसिंह पंवार ने माना।

 

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