नेहरू-गांधी परिवार से नहीं थीं शीला दीक्षित इसलिए श्रद्धांजलि में कांग्रेस ने दिखाई बेरुखी: राजो मालवीय

राजनीति Jul 22, 2019

खबर नेशन/Khabar Nation  

भोपाल। कांग्रेस के नेता एक विशेष परिवार की भक्ति की मानसिकता से उबर नहीं पाए हैं और न ही उनके मन में इस परिवार से बाहर के किसी नेता के प्रति सम्मान का भाव होता है। इसीलिए रविवार को जब राज्य विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने की बात कही, तो कांग्रेस सरकार और उसके मंत्री इसके लिए तैयार नहीं हुए। यह बात भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता राजो मालवीय ने रविवार को राज्य विधानसभा में सत्ता पक्ष के रवैये पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। 

उन्होंने कहा कि स्व. शीला दीक्षित 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं और उनके सौम्य व्यक्तित्व तथा मधुर व्यवहार के कारण हर राजनीतिक दल के लोगों के मन में उनके प्रति सम्मान रहा है। इसी के चलते जब उनके निधन पर भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा एवं अन्य नेताओं ने रविवार को राज्य विधानसभा में श्रद्धांजलि देने की बात कही, तो सत्ता पक्ष इसके लिए तैयार नहीं हुआ।  मालवीय ने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के हर नेता के प्रति कांग्रेस का रवैया ऐसा ही रहा है। 

राजो मालवीय ने कहा कि सत्ता पक्ष के जो लोग स्व. शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने के लिए 5 मिनट का समय न होने की बात कह रहे थे, वही लोग बाद में प्रियंका गांधी के संबंध में उत्तरप्रदेश सरकार की कार्रवाई को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित कराने के लिए 25 मिनट तक हंगामा करते रहे। 

उन्होंने ने कहा कि इन दोनों उदाहरणों से स्पष्ट हो जाता है कि कांग्रेस के नेताओं की सोच किस तरह की है और वे किन नेताओं को हृदय से स्वीकार करते हैं।

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