बजट में वित्त मंत्री ने पुरानी सरकार की लकीर को मिटाने का प्रयास किया है: विश्वास सारंग

राजनीति Jul 12, 2019

राज्य विधानसभा में बजट पर चर्चा

देश में गरीबी रेखा का मापदंड उनके खर्च से तय होता है न कि उनकी आय से 

भाजपा सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से गरीबों के खर्च कम किये थे

खबर नेशन/Khabar Nation   

भोपाल. राज्य विधानसभा में बजट 2019 की चर्चा में भाग लेते हुए नरेला विधायक विश्वास सारंग ने शेरो-शायरी के साथ जोरदार ढंग से बजट का विरोध करते हुए कहा कि बजट सरकार के विकास का एजेंडा होता है लेकिन बजट भाषण में वित्त मंत्री ने पुरानी सरकार की लकीर को मिटाने का प्रयास किया है। उन्होंने वित्त मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब हम फेल होते हैं तो यह हमारी मजबूरी हो जाती है कि हम दूसरे के चेहरे पर भी कालिख पोतें। 15 वर्ष की भाजपा सरकार को लेकर जो-जो बातें हुई। ऐसा लगा कि 15 वर्ष में सरकार ने कुछ नहीं किया? 

सारंग ने कहा कि बजट के पहले मध्यप्रदेश सरकार का आर्थिक सर्वेक्षण आया और उसमें एक नया अध्याय पहली बार जोड़ा गया है, सामाजिक आर्थिक विकास और चुनौती। यह चेपटर पुरानी सरकार की लकीर को मिटाने के इरादे से जोड़ा गया है। यह परंपरा ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण में प्रति व्यक्ति आय के वर्ष 2012 से 2018-19 तक के आंकड़े दिये है। वर्ष 2012-13 में प्रति व्यक्ति आय 44 हजार रुपये  थी। जो अब बढ़कर 90 हजार रुपये हो गई है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने वर्ष 2009 में यह मध्यप्रदेश डेवलपमेंट रिपोर्ट दी थी। उस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2003 में प्रति व्यक्ति आय 8149 रूपये थी। जो वर्ष 2004-05 में चैदह हजार चार सौ इकहत्तर रुपये हो गयी थी, वर्ष 2005 में यह बढ़कर पंद्रह हजार रुपये हो गई और प्रतिशत छः प्रतिशत हुआ। इसी प्रकार वर्ष 2006-07 में यह सौलह हजार रुपये हुई और प्रतिशत नौ प्रतिशत हुआ, वर्ष 2007-08 में यह अठाहर हजार रुपये हुई और प्रतिशत छः प्रतिशत हुआ, वर्ष 2008-09 में यह बी हजार हुई और प्रतिशत 12 प्रतिशत हुआ और वर्ष 2018-19 में यह बढ़कर नव्वे हजार रूपये हो गई और मध्यप्रदेश का प्रतिशत 72 प्रतिशत हो गया ।

सारंग ने कहा कि पूरा बजट केवल सिलेक्टिव डेटा पर आधारित है। यह किताबें सरकार का दस्तावेज होती है। यह सरकार के दस्तावेज के रूप में प्रदेश के इतिहास में दर्ज होती है। हम अपनी महत्वकांक्षा के लिए, अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिये, अपनी राजनीति मजबूरी के लिये, इन किताबों का उपयोग न करें, हमें इस बात को स्थापित करना पड़ेगा कि यदि हम इस सरकार में आयें हैं तो हमने सरकार में आने के बाद शपथ ली थी कि हम बिना रागद्वेष के इस प्रदेश की सेवा करेंगे, पर आप रागद्वेष से राजनीतिक एजेंडे के रूप में इस बजट को प्रस्तुत कर रहे है। 

विश्वास सारंग ने कहा कि बजट में कहा गया है कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यावन करने वालो की संख्या बढ़ गयी है। लेकिन यह नहीं बताया कि गरीबी रेखा का माप कैसे होता है। सारंग ने कहा कि देष में गरीबी रेखा का मापदंड गरीबों की आय से नहीं बनता, बल्कि गरीब प्रतिदिन कितना खर्च कर रहा है उससे यह रिकार्ड बनता है। हमारी सरकार ने 15, साल में मध्यप्रदेश की आम जनता का खर्च कम किया, उसको 1 रुपये किलो गेंहू, 1 रुपये किला चावल उपलब्ध कराया, नौकरी दिलवाई, मुफ्त मंे षिक्षा दी फ्री में इलाज उपलब्ध कराया और गरीबों का खर्च कम किया।

विश्वास सारंग ने वित्त सचिव के स्मृति पत्र का हवाला देते हुए कहा कि पंूजीगत व्यय, दो तरह के व्यय होते है।, पंजीगत और राजस्व, पंजीगत मतलब कि क्या कुछ विकास होगा। बजट में 35 हजार 463 करोड़ रुपये का प्रावधान पूंजीगत व्यय जो कुल बजट का केवल 16 प्रतिशत है। मतलब विकास के लिये 16 प्रतिशत और  अन्य व्यय के लिए 84 प्रतिशत। 

सारंग ने कहा कि जब हमारी सरकार के समय प्रदेष पर 1 लाख 10 हजार करोड़ का कर्जा था जो आज बढ़कर 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में केन्द्र सरकार से 30 हजार करोड़ रुपये मिले थे और वर्ष 2019-20 में 36 हजार करोड़ रुपये मिले हैं। अगर केन्द्र के करों के हिस्से की बात करें तो 2017-18 में 50853 करोड़ रुपये और 2019-20 में 63750 करोड़ मिले फिर आप कैसे केन्द्र सरकार पर आरोप मढ़ रहे हैं? उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि यह सरकार पूरी तरह से फेल सरकार है और पूरी तरह से सरकार का बजट फेल है। यह सरकार केवल तबादलों में लगी हुई है और भ्रष्टाचार में लगी हुई है।

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