एलिवेटेड ब्रिज को कांग्रेस अपने उत्थान का माध्यम ना बनाए: लालवानी

राजनीति Mar 10, 2019

शहर के नागरिकों को सुविधा मिलने में 1 साल का विलंब करने का षडयंत्र 

खबरनेशन/Khabarnation  

इंदौर, इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष शंकर लालवानी ने कहा है कि ए.बी. रोड पर बीआरटीएस कॅारिडोर के उपर एलिवेटेड ब्रिज के निर्माण के मुददे को कांग्रेसी अपने उत्थान का माध्यम नहीं बनाए। इस मामले में कांग्रेस की सरकार के द्वारा शहर को सुविधा मिलने में एक साल का अनावश्यक विलंब करने का षडयंत्र रचा जा रहा है। 

लालवानी ने आज यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बीआरटीएस कॅारिडोर पर एलिवेटेड ब्रिज के निर्माण का प्रस्ताव उनके कार्यकाल में इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार किया गया था। उस समय इस प्रस्ताव को राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार के पास भेजा गया था। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी जब इंदौर आए थे तब सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के नेतृत्व में हम लोगों ने जाकर उनसे भेंट की थी और इस प्रस्ताव को मंजूरी देने का आग्रह किया था। उस समय गडकरी जी ने इस प्रस्ताव के प्रति अपनी पूर्ण सद्भावना जताई थीं । ताई के आग्रह पर भी स्वयं साइट देखने गए थे और उन्होंने इस प्रस्ताव को मंजूरी देने का एलान करते हुए कहा था कि प्राधिकरण द्वारा 100 टन लोड वाला ब्रिज बनाने का प्रस्ताव बनाया गया है। शहर के अंदरूनी क्षेत्र में इतने ज्यादा लोड की अवश्यकता नहीं होती है। ऐसी स्थिति में गडकरी जी ने यह सुझाव दिया था कि प्राधिकरण फिर से 50 टन लोड वाला प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार के माध्यम से हमें भेजें हम इस प्रस्ताव को मंजूरी देंगे। 

लालवानी ने कहा कि इसके पश्चात प्राधिकरण के द्वारा नए सिरे से सर्वे कराकर सॅाईल टेस्ट कराई गई। फिर 50 टन लोड वाला प्रस्ताव का डीपीआर तैयार किया गया । इस पूरे कार्य को करने में 8 माह का वक्त लगा। उसके बाद यह पूरा प्रस्ताव तैयार हुआ। फिर राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजने की प्रक्रिया चल रही रही थी कि उसी दौरान चुनाव आचार संहिता लागू हो गई जिसके कारण यह प्रक्रिया अपने मुकाम तक नहीं पहुंच सकीं संयोगवश बनी कंाग्रेस की वर्तमान सरकार द्वारा इस प्रस्ताव को आधार बनाकर केंद्र सरकार से मंजूरी प्राप्त करने की पहल की गई। सांसद महाजन के प्रयासों से पहले ही यह प्रस्ताव मंजूर हैं ऐसे में अब कांग्रेस इस प्रस्ताव को अपने उत्थान का माध्यम बनाने पर तुली हुई हैं । प्रदेश की कांग्रेस सरकार के द्वारा इस प्रस्ताव के क्रियान्वयन की राह में रोडे लगाने का काम शुरू हो गया है। इस संबंध में रचे गए षडयंत्र का खुलासा करते हुए लालवानी ने कहा कि प्रदेश के लोक निर्माण विभाग इस ब्रिज की मंजूरी का श्रेय लेने में लगे हुए हैं जबकि ब्रिज तो पूर्व में ही ताई के प्रयासों से हमारे द्वारा सैद्धांतिक रूप से मंजूर करवा लिया गया था।  अलबत्ता कांग्रेस के द्वारा इस ब्रिज को अनावश्यक रूप से विलंबित करने का खेल रचा जा रहा है। इसके अंतर्गत इस ब्रिज के निर्माण के कार्य के लिए लोक निर्माण विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है। अब लोक निर्माण 
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विभाग के  द्वारा एक बार फिर नए सिरे से डीपीआर तैयार की जाएगी। सॅायल टेस्ट कराया जएगां इस पूरे कार्य मे एक साल का समय लगेगा। उसके बाद कहीं जाकर केंद्र सरकार द्वारा इस ब्रिज के लिए मंजूर किए गए 350 करोड रूपये की राशि से ब्रिज का निर्माण शुरू होने के आसार बनेंगे। यह सारा अनावश्यक विलंब इंदौर के नागरिकों तक इस सौगात को पहुंचाने में बाधा पैदा करने के लिए किया जा रहा है।

लालवानी ने दो टूक शब्दों में कहा कि जब इस कार्य के लिए प्राधिकरण के द्वारा सॅायल टेस्ट और डीपीआर का सारा कार्य किया जा चुका है तो फिर ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा दी गई मंजूरी को आधार बनाते हुए प्राधिकरण के माध्यम से तत्काल इस ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाना चाहिए। यदि इस मामले में कांग्रेस की सरकार द्वारा इंदौर की जनता के विरोध का रूख नहीं त्यागा गया तो भाजपा उसे बर्दाश्त नहीं करेगी और हम इस मामले को लेकर जनता के बीच जायेंगे। 

तीन कारण है प्राधिकरण को काम देने के 

लालवानी ने कहा कि यह कार्य प्राधिकरण को सौंपे जाने के पीछे तीन कारण प्रमुख है। पहला बीआरटीएस कॅारिडोर का निर्माण प्राधिकरण द्वारा किया गया है इसलिए इस कारीडोर के बारे में प्राधिकरण के अधिकारियों को तकनीकी जानकारी है। दूसरा प्राधिकरण के द्वारा ही एलिवेेटेड ब्रिज का निर्माण करने के लिए सारी तैयारियां पहले दिने से पूरी कर ली गई है। प्राधिकरण तत्काल तत्काल टेन्डर बुलाकर कार्य प्रारंभ कर सकता है। तीसरा प्राधिकरण के संचालक मंडल में इंदौर नगर निगम के आयुक्त के साथ ही जिलाधीश, विद्युत मंडल के अधिकारी, नर्मदा परियोजना के अधिकारी भी सदस्य हैं। ऐसे में प्राधिकरण के द्वारा अन्य विभागों के साथ सामंजस्य बिठाकर ब्रिज का निर्माण कार्य तेज गति के साथ किया जा सकता हैं इन स्थितियों को देखते हुए इस ब्रिज का कार्य तत्काल प्राधिकरण को सौंपकर शुरू करवा दिया जाना चाहिए।  

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