हाईकोर्ट का निर्णय कमलनाथ सरकार के मुंह पर करारा तमाचाः रजनीश अग्रवाल
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा-सरकार ने बदले की भावना से दिया था छिंदवाड़ा महापौर को नोटिस
खबरनेशन/Khabarnation
भोपाल। माननीय हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा छिंदवाड़ा महापौर को दिए गए नोटिस को रद्द करके सरकार के मुंह पर करारा तमाचा मारा है। न्यायालय के इस निर्णय से यह साबित हो गया है कि सरकार द्वारा यह नोटिस सिर्फ बदले की भावना से ग्रसित होकर दिया गया था। यह बात गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने हाईकोर्ट, जबलपुर द्वारा प्रदेश सरकार के नोटिस को रद्द किए जाने के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।
प्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा पद संभालते ही प्रदेश की छिंदवाड़ा, रीवा और ग्वालियर नगर निगम में हुई कथित अनियमितताओं की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार ने 31 जनवरी को छिंदवाड़ा की महापौर कांता योगेश सदारंग को शोकॉज नोटिस दिया था। महापौर द्वारा सरकार के इस नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इस पर हुई सुनवाई के उपरांत जस्टिस अतुल श्रीधरन की बैंच ने गुरुवार को इस नोटिस को अनुचित, पक्षपातपूर्ण एवं पूर्वविचारित बताते हुए रद्द कर दिया। हाईकोर्ट के इस फैसले पर खुशी व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा उनके गृहजिले की महापौर को दिये गए नोटिस को अदालत द्वारा रद्द किए जाने से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश सरकार किस सोच के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों को किसी भी तरह उनके पद से हटाने पर आमादा है। अग्रवाल ने कहा कि अदालत के इस निर्णय से यह भी साबित हो गया है कि कमलनाथ सरकार सहयोग और विकास के एजेंडे की बजाय बदले की राजनीति के आधार पर चल रही है।