ये चुनाव भाजपा की स्पष्टता और कांग्रेस की दुविधा के बीच हैः श्रीमती सुषमा स्वराज

राजनीति Nov 19, 2018

खबरनेशन/Khabarnation 
जबलपुर में केन्द्रीय मंत्री ने कहा-अपने नेता की छवि को लेकर दुविधा में फंसी कांग्रेस

जबलपुर। मध्यप्रदेश में पिछले तीन बार से लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन रही है। चौथी बार भी जनता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हम चुनाव मैदान में उतरे हैं। मध्यप्रदेश का ये चुनाव और 2019 को लोकसभा चुनाव भाजपा की स्पष्टता और कांग्रेस की दुविधा के बीच होगा। यह बात केन्द्रीय विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने सोमवार को जबलपुर में मीडिया से चर्चा के दौरान कही।

कांग्रेस दुविधाग्रस्त पार्टी है

 कांग्रेस आज देश की ऐसी पार्टी है, जो अनेक दुविधाओं से घिरी है। अन्य पार्टियों से गठबंधन कैसे किया जाये, यदि गठबंधन हो गया तो राहुल गांधी साथी दलों को नेता के रूप मे कैसे स्वीकार होंगे, जैसी दुविधाओं में घिरी हुई है कांग्रेस। यदि इन बातों को छोड़ भी दें तो सबसे बड़ी दुविधा उनके नेता की छवि को लेकर है। कांग्रेस के नेता इस दुविधा में हैं कि राहुल गांधी को किस रूप में प्रोजेक्ट किया जाये। वर्षों तक कांग्रेस ने राहुल गांधी को एक धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में प्रस्तुत किया। फिर उन्हें लगा कि हिन्दू देश में बहुसंख्यक हैं, तो उन्होंने उनकी छवि हिन्दू नेता के रूप में बनाने पर विचार किया। राहुल गांधी ने संसद के पटल पर भी बोलते हुए कहा कि मैं हिंन्दू हूँ। इस पर भी बात नहीं बनी तो उन्हें लगा कि आस्थावान हिन्दू की छवि बनाना चाहिये,तो उन्होंने कैलाश मानसरोवर की यात्रा की, शिवमंदिरों में पूजा की और शिवभक्त की छवि बनाई। राहुल जी जब मध्यप्रदेश आये तो यहां लगा कि महाकाल के साथ पीताम्बरा पीठ की भी मान्यता है,  तो वहां भी गए। वह शैव भी बने और शाक्य भी बन गये। फिर लगा कि हिन्दू तो बन गये पर उसमें किस जाति के बनें- दलित या सवर्ण। इन सब के बाद भी उन्हें लगा कि दूसरा वोट बैंक न खिसक जाये, तो आरएसएस की आलोचना करने लगे। इतनी सारी दुविधा इतने पुराने संगठन को अपने अध्यक्ष को लेकर है।

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