राजनैतिक लाभ के लिए सामाजिक सद्भाव मिटाने पर तुली सरकार : राकेश सिंह

राजनीति Oct 30, 2019

 

अप्रत्यक्ष चुनाव और नगर निगम बंटवारे के खिलाफ राज्यपाल को सौंपे लाखों हस्ताक्षर

 खबर नेशन / Khabar Nation

                भोपाल। कांग्रेस सरकार अपनी कमियों को छिपाने के लिए ऐसे मुद्दे जनता के बीच में लेकर आ रही है, जिनसे जनता भ्रमित हो जाए। प्रदेश की बिगड़ी व्यवस्था को दुरूस्त करने के बजाए प्रदेश सरकार मनमाने निर्णय ले रही है। सरकार प्रदेश का भौगोलिक, सामाजिक तथा धार्मिक समीकरण बिगाड़कर उसका राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। कांग्रेस इसके लिए लगातार प्रयास कर रही है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री राकेश सिंह ने बुधवार को महापौरों एवं निकाय अध्यक्षों के अप्रत्यक्ष निर्वाचन तथा भोपाल सहित अन्य नगर निगमों के विभाजन के विरोध में प्रदेश के 16.55 लाख लोगों द्वारा किए गए हस्ताक्षर राज्यपाल महोदय को सौंपने के बाद कही।

                भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राज्यपाल महोदय से मिला और महापौर तथा निकाय अध्यक्षों के अप्रत्यक्ष निर्वाचन तथा भोपाल नगर निगम के विभाजन के विरोध में कराए गए लाखों हस्ताक्षर राज्यपाल महोदय को सौंपकर कांग्रेस सरकार की इन कोशिशों पर रोक की मांग की। ये हस्ताक्षर पार्टी ने पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर कराए थे।

सरकार की कोशिशों से जनता में आक्रोश

                प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश सिंह ने कहा कि भोपाल नगर निगम का विखंडन कमलनाथ सरकार का एक निंदनीय प्रयास है। इसके साथ ही सरकार की ओर से इंदौर एवं जबलपुर नगर निगमों के विखंडन की बात भी की जा रही है। पूरे मध्यप्रदेश की जनता सरकार की इन कोशिशों के खिलाफ है और आक्रोशित भी है। इससे जनता के हितों पर आर्थिक बोझ पड़ने वाला है। वैसे भी सरकार के पास सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने तक के लिए पैसे नहीं हैं, ऐसी स्थिति में जो स्थापना का व्यय आएगा, खर्च का जो बोझ आएगा, उसकी पूर्ति भी सरकार टैक्स के माध्यम से जनता से ही करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार की इन कोशिशों का विरोध करते हुए हमने राज्यपाल महोदय से प्रार्थना की है कि इन सभी पर रोक लगे। उन्होंने कहा कि इन विषयों को लेकर अगर सड़क पर उतरना पड़े, तो भारतीय जनता पार्टी पीछे नहीं हटेगी।

नगर निगमों का विखंडन एक साजिशः शिवराज सिंह

                पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि भोपाल, इंदौर और जबलपुर नगरनिगमों का विखण्डन हो, लेकिन यह किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है। यह भाई-भाई को बांटने की साजिश है। सांप्रदायिक आधार पर भोपाल के विभाजन की कोशिश है। केवल राजनीतिक स्वार्थों के चलते सरकार सांप्रदायिक आधार पर विभाजन करे, यह नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता जैसे वादे तो पूरे किए नहीं है, अब विधान परिषद का गठन करने जा रही है। लेकिन हम जनता की गाढ़ी कमाई इस तरह के कामों पर खर्च नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का यह कहना है कि विधान परिषद की कोई आवश्यकता नहीं है, यह फिजूलखर्ची है। कमलनाथ सरकार केवल राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए जनता पर बोझ डाल रही है।

नगर निगमों पर कब्जा करने का हथकंडा है विभाजनः कैलाश विजयवर्गीय

                पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जब मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद जैसी बड़े शहरों में नगर निगम एक हो सकती है, तो भोपाल-इंदौर में नगर निगम के विभाजन की कोई आवश्यकता नहीं है। यह सरकार का नगर निगमों पर कब्जा करने का हथकंडा है, यह राजनीतिक निर्णय नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दिग्विजय सिंह की कांग्रेस अलग है, सिंधिया की कांग्रेस अलग है, इसलिए कब कौन किसके साथ गठबंधन करता है, समझ नहीं आता है। कांग्रेस में यह खेल चलता रहता है और यही कांग्रेस के संस्कार हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों की आत्महत्या के लिए सिर्फ कांग्रेस और मुख्यमंत्री कमलनाथ जिम्मेदार हैं, क्योंकि उन्होंने 2 लाख तक की कर्जमाफी का अपना वादा पूरा नहीं किया। किसानों ने अपना बजट यह मानते हुए बनाया था कि उनका कर्जा माफ हो जाएगा, लेकिन कर्जा माफ नहीं हुआ, जिससे उनका बजट बिगड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर पूरे प्रदेश के किसान सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे।

शहरों को बांटना सरकार का कुत्सित प्रयासः गोपाल भार्गव

                नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि कांग्रेस के कर्जमाफी के झूठे आश्वासन के कारण प्रदेश में डेढ़ सौ से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या कर ली, कर्जमाफी नहीं हुई। नौजवानों को 4 हजार रूपए बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी, पर आज तक एक भी नौजवान को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिला। उन्होंने कहा कि यह सरकार अपने लोगों को एडजेस्ट करने के लिए विधान परिषद का लॉलीपॉप दे रही है। लेकिन सिर्फ मंत्रि परिषद की बैठक कर लेने मात्र से विधान परिषद का गठन नहीं हो जाता। इसके लिए लोकसभा एवं राज्यसभा की मंजूरी जरूरी है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार शहरों को बांटने का कुत्सित प्रयास कर रही है। किसी भी प्रदेश और शहर की हैसियत उसकी जनसंख्या से आंकी जाती है। नागालैंड कभी उत्तरप्रदेश नहीं बन सकता और उत्तरप्रदेश कभी नागालैंड नहीं बन सकता। लेकिन कांग्रेस की सरकार ऐसा ही प्रयास कर रही है, जिसका भारतीय जनता पार्टी विरोध करेगी। श्री भार्गव ने कहा कि जनता का विश्वास खो चुकी कमलनाथ सरकार येन केन प्रकारेण स्थानीय संस्थाओं पर कब्जा करना चाहती है और अप्रत्यक्ष चुनाव इसी का एक तरीका है।

                पार्टी के प्रतिनिधि मंडल में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री प्रभात झा, सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, श्री उमाशंकर गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, विधायक श्री विश्वास सारंग, महापौर श्री आलोक शर्मा, जिला अध्यक्ष श्री विकास वीरानी, प्रदेश कार्यालय मंत्री श्री राजेन्द्र सिंह राजपूत, प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री लोकेन्द्र पाराशर, प्रदेश प्रवक्ता श्री राजपाल सिंह सिसोदिया, आईटी विभाग के संयोजक श्री शिवराज सिंह डाबी, श्री विकास बोन्द्रिया सहित पार्टी पदाधिकारी शामिल थे।

 

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