‘न संघ भाजपा को चलाता हैं, न ही भाजपा संघ को’, तो चुनाव वर्ष में संघ प्रमुख प्रदेश में डेरा किसलिए डाले हुए हैं ?  

राजनीति Jan 10, 2018

भाजपा-सरकार से संघ का कोई संबंध नहीं हैं तो मुख्यमंत्री ने संघ प्रमुख की 40 मिनिट तक परिक्रमा क्यों की ? 

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने चुनावी वर्ष में उज्जैन के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की बैठक में एक सप्ताह में दूसरी बार आज विदिशा बैठक को लेकर प्रवास पर आये संघ प्रमुख मोहन भागवत से जानना चाहा हैं कि जब उनके ही कथनानुसार ‘न संघ भाजपा को चलाता हैं, न ही भाजपा संघ को’ तो इस चुनावी वर्ष में प्रदेश में उनकी सक्रियता किसे लाभ पहुंचाने के लिए हैं या किसी षड्यंत्र का हिस्सा? उल्लेखनीय हैं कि गत् सितम्बर, 2017 को दिल्ली में 50 देशों के दूतावास कर्मियों के साथ संपन्न संवाद के दौरान संघ प्रमुख ने उक्त कथन कहे थे, उनके ही कथनानुसार यदि यह सच हैं तो क्या कारण हैं कि प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के मुख्यमंत्री सत्ता का प्रतिसाद पाने के लिए उनकी परिक्रमा कर असंवैधानिक हाजिरी क्यों-किसलिए देते हैं।  
 

मिश्रा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा आज संघ प्रमुख की 40 मिनिट तक की गई राजनैतिक परिक्रमा का औचित्य पूछते हुए कहा कि जब संघ से भाजपा का कोई संबंध नहीं हैं तो भाजपा शासित राज्य के एक मुखिया की यह मुलाकात किस रूप में देखी जानी चाहिए? 
 

मिश्रा ने कहा कि संपन्न गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणामों से आशंकित भाजपा को मध्यप्रदेश के चुनावी समर में संघ कबीला और उसके प्रमुख प्रदेश में निरंतर डेरा डालकर भाजपा को ताकत पहुंचाने के लिए जुगत लगा रहे हैं जो उनके ही उक्त कथन के निहितार्थ को दोहरे आचरण के रूप में तब्दील कर रहा हैं। 
 

संघ प्रमुख विदिशा में मुख्यमंत्री के अनार बाग व 11 लाख रू. प्रति एकड़ देने वाली खेती, दूध डेयरी का भी अवलोकन करें
 

मिश्रा ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के विदिशा प्रवास पर उनसे यह भी आग्रह किया हैं कि वे इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा कई एकड़ों में लगाये गये अनारों के बाग, 11 लाख रू. प्रति एकड़ कमाई देकर सोना उगलने वाली खेती और 60 रू. प्रतिलीटर की दर से ‘दूध का धुला गाय का दूध’ बैचने वाली 7 एकड़ में फैली ‘‘सुंदर डेयरी’’ का भी अवलोकन करने पधारें, ताकि वे यह देख सकें कि आम किसान अपनी फसलों का मूल्य नहीं मिल पाने के कारण आत्महत्या क्यों और किसलिए कर रहा हैं, सरकारी दूध डेयरी किसानों को दूध की कीमत 22 रू. प्रतिलीटर हैं, मुख्यमंत्री की डेयरी 60 रू. प्रतिलीटर उसे कैसे बेच रही हैं और मुख्यमंत्री अपने द्वारा अर्जित किये जा रहे आर्थिक लाभ का मंत्र आम किसानों को क्यों नहीं समझा पा रहे हैं?

 (खबरनेशन / Khabarnation)
 

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