संस्कृति मंत्री ने दिया आश्वासन, किसी भी संविदा कर्मी को नहीं हटाया जाएगा

राजनीति Aug 24, 2020


अमित सोनी Khabar Nation
रायसेन। सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में हटाए गए दो संविदा कर्मचारियों के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। विश्वविद्यालय में कार्यरत शेष संविदा कर्मचारियों अपनी नियुक्ति को लेकर अब कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। गत दिनों संविदा कर्मचारियों का एक प्रतिनिधि मंडल संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर से मिला। अपनी नियुक्ति के संबंध में इस प्रतिनिधि मंडल ने संस्कृति मंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा है। संस्कृति मंत्री श्रीमती ठाकुर ने संविदा कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि किसी भी संविदा कर्मचारियों को पद से बर्खास्त नहीं किया जाएगा।
संस्कृति मंत्री के आश्वासन के बाद इन संविदा कर्मचारियों को आस बंधी है, उन्होंने संस्कृति मंत्री का आभार व्यक्त किया है। ज्ञात हो कि कांग्रेस सरकार एवं विश्वविद्यालय प्रशासन ने त्रुटिपूर्ण नियम लगाकर विश्वविद्यालय  के 2 संविदा कर्मचारियों को सेवा से हटा दिया है, और  वही त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया के द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी हठधर्मिता एवं मनमाने  रवैये  को अपनाते हुए 52 कर्मचारियों को सेवा समाप्ति की सूचना पत्र के माध्यम से दे दी है। शनिवार को भयभीत होकर इन संविदा  कर्मचारियों ने भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के नेतृत्व में पूर्व राज्य मंत्री सूरज खरे के माध्यम से संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर से भेंट की। संविदा कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए एक ज्ञापन भी संस्कृति मंत्री को सौंपा है। संस्कृति मंत्री ने आश्वासन दिया है कि जो भी अधिकारी किसी भी संविदा कर्मचारी को सेवा से हटा रहे हैं मैं संबंधित अधिकारी पर सख्त से सख्त कड़ी कार्यवाहीं करूॅगी। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की सरकार मध्य प्रदेश के समस्त संविदा कर्मचारियों के साथ खड़ी है और हमारी सरकार ने ही सॉची बौद्ध विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी है। बौद्ध विश्वविद्याल प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी का एक स्वर्णिम सपना है। मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन  विभाग  द्वारा जारी नीति निर्देश दिनांक 8 फरवरी 2019 के  नियमानुसार किसी भी संविदा कर्मचारी को 62 वर्ष तक सेवा से नहीं हटाया जा सकता।

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