केंद्र एवं राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल की आड़ में अपना खजाना भर रही है : विभा पटेल

राजनीति Jan 24, 2023

खबर नेशन / Khabar Nation  

पेट्रोलियम मंत्री के अनुरोध के बाद भी तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं घटाएं : विभा पटेल
बेलगाम होती महंगाई को रोकने के उपाय नहीं कर रही सरकार
भोपाल:
मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व महापौर विभा पटेल ने कहा कि ये कितना हास्यास्पद है कि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी तेल कंपनियों से अनुरोध करते हैं, इसके बाद भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें नहीं घटाई जाती। ये स्थिति भी जब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें नियंत्रण में हैं। तेल कंपनियां भी अब घाटे से उबर चुकी हैं। इसके बाद भी केंद्रीय मंत्री के अनुरोध को तेल कंपनियां ठुकरा देती हैं। इससे प्रतीत होता है कि मोदी सरकार के मंत्रियों का अपने अधीनस्थों पर नियंत्रण नहीं है। मोदी सरकार के मंत्री को आदेश देने के बदले अनुरोध करना पड़ रहा है।
श्रीमती विभा पटेल ने बताया कि केंद्रीय मंत्री पुरी को तेल कंपनियों से आग्रह किए हुए तीन दिन बीत चुके हैं लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं घटाए गए। ये भी एक तथ्य है कि तेल कंपनियां घाटे से उबर चुकी है। इसके बाद भी महंगे दामों में पेट्रोल-डीजल बेच रही है।  
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि जून 2022 में प्रति बैरल क्रूड ऑयल की कीमत 116 डॉलर थी, जो दिसंबर 2022 में घटकर 70 डॉलर हो गई। इसके बावजूद देश की 3 सबसे बड़ी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम ने 22 मई 2022 के बाद से तेल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया। ये आश्चर्यजनक है।
श्रीमती विभा पटेल ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा कि वर्ष 2014-15 में पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी से केंद्र ने 1.15 लाख करोड़ रुपए कमाए थे, जबकि राज्यों ने फ्यूल पर टैक्स से 1.37 लाख करोड़ कमाए थे। वहीं 2021-22 तक केंद्र की कमाई बढ़कर 2.62 लाख करोड़ और राज्यों की कमाई 1.89 लाख करोड़ रुपए रही है। कमाई का ये सिलसिला निरंतर जारी है। इस कारण महंगाई पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। यात्री सेवाओं से लेकर खाद्यान्न लदान समेत अन्य जीवन उपयोगी वस्तुओं का परिवहन खर्च महंगा होने से मंहगाई को फलने-फूलने का अवसर मिला है। लेकिन मोदी सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा। दूसरी ओर डॉलर की तुलना में रुपए में तेज़ गिरावट जारी है। रुपये की कीमत गिरने और डॉलर महंगा होने से भारत का आयात और महंगा होता जा रहा है। इससे घरेलू बाजार में चीजों के दाम भी बढ़ रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा है।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि महंगाई से आम आदमी परेशान है। बढ़ती महंगाई के कारण मध्यम, निम्न वर्ग के व्यक्ति को अपने आप को एक स्थान पर बनाए रखने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है। मोदी सरकार की नीति के कारण मध्यम एवं निम्न वर्ग पिछड़ता जा रहा है। मोदी सरकार का दायित्व है कि दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं के बढ़ते दामों पर अंकुश लगाए। ताकि गरीब, निम्न और मध्यम वर्गीय परिवार अपना जीवन यापन ठीक प्रकार से कर सकें। आमजन को सुविधा हो। मोदी सरकार को महंगाई को कंट्रोल कर मध्यमवर्ग को राहत देनी चाहिए लेकिन वह ऐसा नहीं कर रही। नतीजे में रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ने से आमजन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। कमजोर तबके के लोगों के लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा है।वहीं महंगी होती खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। लेकिन मोदी सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा।
श्रीमती विभा पटेल ने कहा इन स्थितियों से साबित है कि मोदी सरकार के समक्ष मध्यम एवं निम्न वर्ग की पीड़ा मायने नहीं रखती। यही कारण है कि वे हठधर्मिता कर रही हैं।

 

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