पूर्व विधायक बिरथरे पर डोरे डाल रही कांग्रेस

शख्सियत Jun 04, 2020

 

- सिंधिया के घोर विरोधी है बिरथरे 
गीत दीक्षित / खबर नेशन / Khabar Nation 

भोपाल। कांग्रेस ने प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर बनाई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस और कमलनाथ की प्रतिष्ठा का सवाल बन चुके इन चुनावों में पार्टी के रणनीतिकार बीजेपी के असंतुष्टों को लुभाने में लगे है । खासकर उन बीजेपी नेताओं को जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद बागी तेवर अपनाये हुए हैं। इनमे प्रमुख है नरेंद्र बिरथरे। भाजपा की फायर ब्राण्ड नेता उमा भारती के प्रबल समर्थक बिरथरे शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। गौरतलब है कि अंतिम चुनाव वे उस परिस्थिति में हारे थे जब मतदान के तीन चार दिन पूर्व उनकी माताजी का निधन हो गया था। चुनाव पूर्व इस अप्रत्याशित आघात में भाजपा के अंदर रहे उनके राजनीतिक विरोधियों ने जमकर उनके खिलाफ काम किया । बिरथरे मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार को विधानसभा में घेरने में अव्वल भूमिका का निर्वहन करते आए हैं ।
शिवपुरी सिंधिया की कर्मभूमि यानि उनका संसदीय क्षेत्र रहा है। यही कारण है कि वह सिंधिया के घोर विरोधी हैं। सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद भाजपा नेताओं के सामने धर्मसंकट पैदा हो गया है। भाजपा नेताओं की इसी मनोस्थिति को ताड़ते हुए कांग्रेस बिरथरे को चुनाव में उतारने का मन बना रही है। 

 क्या होगा लाभ ... कांग्रेस अच्छी तरह जानती है कि उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार बनाने से ये लाभ होगा कि कांग्रेस के वोट तो मिलेंगे ही, वही बीजेपी के असंतुष्ट नेता और कार्यकर्ता भी उनके लिए काम करेंगें। ये अलग बात है कि ये काम वो चोरी छिपे करते है या खुलकर । 
- भिड़ा रहे जातीय समीकरण... कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने और बीजेपी के नाराज कार्यकर्ताओं को साधने के साथ ही कांग्रेस नेता बिरथरे को एक प्रभावशाली ब्राम्हण नेता के रूप में देख रहे हैं। रणनीतिकारों का मानना है कि बिरथरे को टिकट देकर क्षेत्र में जातीय समीकरण बैठाने का प्रयास भी हो सकता है। 
- उमा भारती के है प्रबल समर्थक... बिरथरे का पहले भी भाजपा से मोहभंग हो चुका है। उमाश्री के प्रबल समर्थक नरेन्द्र बिरथरे तब बीजेपी छोड़कर उमा भारती की पार्टी में के गए थे जब उमाश्री ने भारतीय जनशक्ति पार्टी का गठन किया था। भाजश में उनका एक विशेष स्थान रहा। बिरथरे पहले प्रदेश महासचिव नियुक्त किये गए थे। भाजश ने उस समय मध्य प्रदेश में पांच विधानसभा सीटो पर जीत दर्ज कराई थी। इसके बाद उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था। 
- बैठक से रहे नदारद... केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विगत मई माह के अंतिम सप्ताह में उप चुनावों के संबंध में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक आयोजित की  थी। शिवपुरी में आयोजित इस बैठक में बिरथरे अनुपस्थित रहे।जिसके बाद कांग्रेस उनके बागी तेवरों को भांप गई और कांग्रेस नेताओं को लगा कि वह पार्टी के लिए एक अच्छे उम्मीदवार साबित होंगे। सूत्रों की माने तो कांग्रेस नेता उनके संपर्क में है।

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