कोरोना वायरस को युद्ध से बड़ा संकट मानकर पूरी क्षमता से मुकाबला करें राज्य - प्रधानमंत्री

मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी को दी कोरोना से निपटने के प्रयासों की जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंस से राज्यों के मुख्यमंत्रियों से ली जानकारी
 भोपाल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों में कोरोना की स्थिति की जानकारी लेते हुए मुख्यमंत्रियों से कहा कि सामूहिकता में शक्ति होती है। कोरोना वायरस को युद्ध से भी बड़ा संकट मानकर सभी राज्य पूरी क्षमता से इसका मुकाबला करें। मोदी ने कहा कि लड़ाई दरअसल अब शुरू हो रही है। इसके लिए सभी राज्यों को तैयार रहना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी चिंता है कि ज्यादा क्षति न हो, लोग लक्ष्मण रेखा पार न करें, और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस दिशा में राज्यों को पूरी सहायता कर रही है। साथ ही, राज्यों के अपने प्रयास भी सराहनीय हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश के  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सुझावों का स्वागत करते हुए मध्यप्रदेश में कोरोना के नियंत्रण के लिए उठाए गए विशिष्ट कदमों की प्रशंसा की। 
मध्यप्रदेश में अपनाई गई रणनीति की चर्चा
मध्यप्रेदश में नवाचार और पीपीई किट बनाने की पहल सराहनीय
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश में पीपीई किट्स बनाने की पहल और बचाव के लिये किये जा रहे नवाचार सराहनीय हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में निर्मित पीपीई किट्स को भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला द्वारा मान्य किया गया है। इस सैम्पल के मान्य होने से अभी जहाँ दो हजार किट्स प्रतिदिन तैयार की जा रही हैं, उसकी संख्या दोगुनी की जा सकेगी। चौहान ने बताया कि कोरोना युद्ध में लड़ने वाले नर्स, आशा कार्यकर्ता, उषा कार्यकर्ता, सफाई कर्मी, नगरीय निकायों के स्टाफ और पुलिस जवानों के लिए ये पीपीई किट्स बेहद उपयोगी होंगी। इसके अलावा, मध्यप्रदेश में हैण्डमेड मास्क के प्रयोग और ग्रामीण अंचलों में 3 लेयर वाले गम्छे से भी वायरस से बचाव संभव है, जिसका उपयोग हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इन नवाचारों की सराहना की। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी से संवाद करते हुए कहा कि आपकी दृढ़ इच्छाशक्ति, संकल्प और देश को बचाने की तड़प प्रेरक है। आपके द्वारा राज्यों को दिए गए मार्गदर्शन से कोरोना संक्रमण को रोकने में सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि चिकित्सकों की टीम लगातार कार्य कर रही है। जो व्यक्ति संक्रमण की बार्डर लाइन पर आए, उनका मेडिकल चैकअप कर उन्हें आइसोलेशन में रखा जाता है। संक्रमण की टेस्टिंग की प्रयोगशाला के माध्यम से व्यवस्था की गई है। एक अन्य लैब भी शुरू हो रही है, जिससे राज्य में 480  टेस्टिंग केपीसिटी विकसित हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने इंदौर का उल्लेख करते हुए कहा कि वहाँ कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए डेडीकेटेड हास्पिटल की व्यवस्था है। ऐसी ही व्यवस्था भोपाल में भी है। अन्य संभागीय मुख्यालयों के लिए भी अस्पताल चिन्हित कर लिए गए हैं। राज्य-स्तरीय और जिला-स्तरीय नियंत्रण कक्ष कार्य कर रहे हैं। आवश्यकतानुसार ड्रोन का उपयोग भी किया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया गया है। आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध करवाने के लिए वाहनों को  अनुमति दी गई है। श्रमिकों को भोजन और रहवास के लिए हर जिले में मदद की गई है। 
वैकल्पिक चिकित्सा का उपयोग
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि वैकल्पिक चिकित्सा के तौर पर मध्यप्रदेश में लोगों को आयुष की दवा भी दी जा रही है। करीब 6 लाख लोगों को इसका डोज दिया जा चुका है। इसके साथ, ही शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए 17 लाख 50 हजार लोगों को होम्योपैथी की दवा भी दी गई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में फसलों की कटाई और गेहूँ खरीदी के संबंध में की जा रही व्यवस्थाओं के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी। चौहान ने बताया कि स्वयंसेवी संगठनों और जनप्रतिनिधियों की कोर कमेटी भी तैयार की गई है। कोरोना से निपटने के लिए जन अभियान परिषद को सक्रिय किया जा रहा है। एनसीसी और एनएसएस के कार्यकतार्ओं के साथ ही ग्राम स्तर तक सेवाभावी व्यक्तियों के सहयोग से एक मजबूत तंत्र खड़ा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी को विश्वास ?दिलाया कि इंदौर के साथ ही मध्यप्रदेश में जनसहयोग से कोरोना पर नियंत्रण पाने में हम सफल हो जायेंगे। 
क्वारेंटाइन की निरंतर कार्यवाही
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि तब्लीगी जमात में शामिल होकर मध्यप्रदेश लौटे व्यक्तियों को क्वारेंटाइन में रखने की कार्यवाही की गई है। मध्यप्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में 31 हजार व्यक्तियों को क्वारेंटाइन किया गया है। इनमें से 16 हजार की क्वारेंटाइन अवधि पूरी हो गई है। होटलों और मैरिज गार्डन को क्वारेंटाइन स्थल में तबदील किया गया है। चिन्हित लोगों को सर्विलेंस में दिया गया है। लॉकडाउन लागू होने के बाद लोगों की आवाजाही को रोका गया है। नागरिकों को अत्यावश्यक सेवाएं मिल रही हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसमें जनता का अच्छा सहयोग मिल रहा है। वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री की अधिकारियों से चर्चा
मुख्यमंत्री चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा राज्य, जिला, विकासखंड और थाना स्तर पर विभिन्न समुदायों के प्रमुख लोगों के साथ बैठकें आयोजित की जाएं। जिला स्तर पर क्राइसेस मैनेजमेंट टीम को सक्रिय किया जाए। इसमें स्वैच्छिक संगठन शामिल किए जाएं। उपचार के स्तर पर दवाओं की आपूर्ति और जाँच की सुविधाएँ बढ़ाकर मध्यप्रदेश में कोरोना पर नियंत्रण पाने का ऐसा कार्य किया जाए, जिससे मध्यप्रदेश इस संकट से उबरने के प्रयासों का मॉडल बने। मुख्यमंत्री चौहान ने बैंकों के साथ बैठक अयोजित करने, अनाज के लिए खरीदी केन्द्र बढ़ाने और विभिन्न वर्गों के हित में कार्य के लिए विभागों को समन्वय बढ़ाकर कार्य करने के निर्देश दिए।

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