गणतंत्र दिवस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में किया ध्वजारोहण

खबर नेशन / Khabar Nation  
प्रदेश की जनता को दी बधाई एवं शुभकामनाएं
भोपाल:
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज गणतंत्र दिवस पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय प्रांगण में ध्वजारोहण किया। श्री नाथ ध्वजबंधन कर ध्वज को सलामी दी और कांग्रेस पदाधिकारियों, प्रदेश के लाखों कार्यकर्ताओं और प्रदेश की जनता को गणतंत्र दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
श्री नाथ ने 74 वें गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर प्रदेश की जनता के नाम संबोधित अपने संदेश में कहा कि ब्रिटिश गुलामी से ‘‘भारत को आजाद कराने का संकल्प’’ महात्मा गांधी जी ने 1947 में पूरा किया। आजाद भारत को ‘‘भारत देश की भौगोलिक काया’’ सरदार पटेल की दृढ़ इच्छा शक्ति से मिली। भारत देश को जिन सिद्धांतों और आदर्शो पर चलना है, उसका खाका ‘‘संविधान’’ के रूप में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडर की समिति ने दिया और आजाद भारत को, संसाधनों के बेहद अभाव में तथा आंतरिक और वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए, अपने पैरों पर खड़ा कर ‘‘देश को आगे बढ़ाने का पुण्य कर्म’’ पंडित नेहरू की दृढ़ एकाग्रता से प्रारंभ हुआ ।
श्री नाथ ने कहा कि देश और देशवासियों के बीच का एक पवित्र बंधन ‘‘हमारा संविधान-भारत का संविधान’’ 26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का गौरव बना। आज से 73 वर्ष पूर्व विश्व के पटल पर भारत देश ने अपने गठन के उद्देश्य और चलने की राह को संविधान के रूप में प्रस्तुत किया और हर भारतवासी ने उसे सहर्ष स्वीकार किया और उसके अनुसार चलना शुरू किया। हमारे देश भारत का एक संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार 73 वर्षों का सफर अभूतपूर्व रहा। हमने विश्व के पटल पर अपनी अनोखी और महती छाप छोड़ी। हम सबसे बड़े लोकतंत्र बने और भारत की संस्कृति और परम्परा के अनुसार लोकतंत्र की जड़ें देश में मजबूत हुई। हमने आम जनता की भलाई के लिए समाजवादी विचारों को मजबूत किया। हमने देश के नागरिकों को न्याय और स्वतंत्रता सुनिश्चित कराई। हमने देश की एकता और भाईचारे को बढ़ाने की ओर सतत् मजबूत कदम उठाये। देश के नागरिकों को अधिकार और अवसर की समानता उपलब्ध कराई। भारतीय संस्कृति और दर्शन के अनुकूल हमारा देश चला। पर अब देश की परिस्थितियां बदली जा रही हैं। संवैधानिक मूल्यों और संविधान सम्मत व्यवस्था का उल्लंघन किया जा रहा है। संविधान को अप्रभावी बनाने और संवैधानिक संस्थानों को ‘‘खोखला खिलौना’’ बनाने का काम किया जा रहा है। लोकतांत्रिक व्यवस्था को असफल, अपदस्थ एवं अप्रभावी बनाने का कार्य किया जा रहा है। ‘‘जनता का, जनता के लिए और जनता के द्वारा’’ शासन की व्यवस्था को आज देश में ‘‘व्यक्ति का, व्यक्ति के लिए और व्यक्ति के द्वारा’’ शासन व्यवस्था में बदला जा रहा है। देश को लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण से केन्द्रीकरण की ओर बढ़ाया जा रहा है।
 
श्री नाथ ने कहा कि देश को जिन नागरिकां ने गुलामी से आजाद कराया, आज उसी नागरिक से उसकी वैधता पूछी जा रही है। उसे उसकी देशभक्ति और राष्ट्रीयता प्रमाणित करने के लिए प्रश्न किया जा रहा है। नागरिक अधिकारों को चुनौती दी जा रही है। संवैधानिक व्यवस्था पर नित नये प्रश्नचिन्ह खड़े किये जा रहे हैं। आज का समय भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए चुनौतियों से भरा हुआ समय है। आज देश और मध्यप्रदेश का हर वर्ग परेशान है, हर समाज परेशान है। हर घर चरम मंहगाई के बोझ से दब रहा है, आमजन का जीवनयापन दुर्भर हो रहा है। युवा रोजगार के लिए भटक कर परेशान हो रहे हैं। किसान खेती की नई चुनौतियों से परेशान है। व्यापारी शोषण से परेशान है। कमजोर वर्ग अत्याचार से परेशान है। बहन, बेटियां और बच्चे असुरक्षा और सम्मान बचाने को लेकर परेशान है। हमारा मध्यप्रदेश पिछड़ेपन को लेकर परेशान है, औद्योगिक अविकास को लेकर परेशान है, प्रदेश पर लाखों करोड़ों के कर्ज को लेकर परेशान है। मध्यप्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है। आज के ये हालात हमारे प्रदेश का कड़वा सच है, वो कड़वा सच, जिसे आमजन रोज जी रहा है।
श्री नाथ ने कहा कि इन हालातों को बदलने का मन आपने बनाया था और 2018 में कांग्रेस को समर्थन दिया था। एक नई सुबह की शुरूआत प्रदेश में हुई थी। कांग्रेस सरकार ने अपने अल्प कार्यकाल में अपनी नीति और नियत का परिचय दिया था। हमने शुरूआत की थी। किसान कर्जमाफी, 100 रूपये में 100 यूनिट बिजली, वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों को बढ़ी पेंशन, अगड़ों और पिछड़ों को आरक्षण, हजारों नई गौशालाएं, शुद्ध का युद्ध, अपराधमुक्त-माफियामुक्त मध्यप्रदेश, कन्या विवाह हेतु 51 हजार की सहायता, राम वन गमन पथ, महाकाल व आेंकारेश्वर मंदिर विस्तार, सभी समाज के युवाओं को निजी उद्योगों में रोजगार के लिए आरक्षण जैसे अनेक कदमों से हमने मध्यप्रदेश की नई तस्वीर बनाने की ओर काम शुरू किया था, एक ऐसी तस्वीर जो मध्यप्रदेश की नई पहचान बना सके, परंतु प्रदेश के नव निर्माण का सफर पूरा न हो सका। परंतु मैं आप सभी को विश्वास दिलाना चाहता हॅूं कि हम मिलकर मध्यप्रदेश के नव निर्माण का सफर फिर शुरू करेंगे। 2023 का साल मध्यप्रदेश के भविष्य को निर्धारित करने वाला साल है। हम किसान कर्जमाफी के लिए प्रतिबद्ध हैं, हम युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हम कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हम अगड़ों और पिछड़ों के भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। हर दलित और आदिवासी को हक और न्याय मिले, यह हमारी प्राथमिकता है। माताएं, बहने और बच्चे मुस्करायें, यह हमारा संकल्प है। मध्यप्रदेश निवेश और औद्योगीकरण के पथ पर तेजी से आगे बढ़े, यह हमारा संकल्प है। हम स्वास्थ्य और जल के अधिकार को धरातल पर साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। शिक्षा और भोजन के अधिकार को नये आयाम देने के लिए संकल्पित हैं। गणतंत्र दिवस की हीरक जयंती पर हम एक साथ मिलकर मध्यप्रदेश के नव निर्माण के सपने को साकार करना प्रारंभ करेंगे।
श्री नाथ ने कहा कि भारतीय संस्कृति और भारतीय मानस चुनौतियों को स्वीकार करते आये हैं और उन पर पार भी पाते आये हैं। आज देश व प्रदेश की परिस्थितियों से डरने का समय नहीं है, बल्कि उनसे लड़ने का समय है। आज का समय चुनौती से भयभीत होने का नहीं, बल्कि निडर होकर उसका सामना करने का समय है। आज का समय हिंसक विचारों का नहीं, अहिंसक विचारधारा पर चलने का है। आज का समय भारतीय संस्कृति के अनुसार चलने का है, गौतम बुद्ध, महावीर स्वामी और गांधी की विचारधारा पर चलने का है। भारतीय सभ्यता ने 10 हजार साल के इतिहास में ऐसी अनेक चुनौतियों का सामना किया है और उस पर विजय भी प्राप्त की है। सत्य, अहिंसा, शांति, उन्नति, प्रगति, नैतिकता, प्रेम और आनंद भारतीय संस्कृति के मूल आधारों में है। इसी दर्शन को लेकर राहुल गांधी जी देश में ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ पर निकले।
श्री नाथ ने कहा कि देश और मध्यप्रदेश बढ़-चढ़ कर भारत जोड़ो यात्रा का हिस्सा बना और भारतीय दर्शन का खुलकर समर्थन किया। कश्मीर से कन्याकुमारी एक है-यही भारत जोड़ो यात्रा का मूल संदेश है। भारत के मूल दर्शन के विपरीत की परिस्थितियां देश में खड़ी तो की जा सकती है पर वे स्थायित्व नहीं पा सकती क्योंकि वो भारत के जन-जन के मानस के विपरीत है। आज हमें भारत के मूल दर्शन को पुनर्बल देते हुए आत्मसात करने के नये संकल्प के साथ आगे बढ़ना है।
श्री नाथ ने कहा कि मैं आप सभी से अनुरोध करता हॅूं कि आप सत्य का साथ दीजिए। आप देश का साथ दीजिए। आप भारत की लोकतांत्रित संस्कृति का साथ दीजिए। आप देश और प्रदेश के भविष्य के लिए संविधान के साथ खड़े होईये। अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए शांति, भाईचारे, प्रेम और एकता का साथ दीजिए। यही भारत देश का मूल भाव है, यही भारत की संस्कृति है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारी सर्वश्री चंद्रप्रभाष शेखर, राजीव सिंह, प्रकाश जैन, अशोक सिंह, पी.सी. शर्मा, मुकेश नायक, योगेश यादव, श्रीमती विभा पटेल, के.के. मिश्रा, जे.पी. धनोपिया, गोविंद गोयल, राजकुमार पटेल, सै. साजिद अली, भूपेन्द्र गुप्ता, सुश्री संगीता शर्मा, आशुतोष चौकसे, दीपचंद यादव, रवि सक्सेना, श्रीमती आभा सिंह, कैलाश मिश्रा, अब्बास हफीज, आनंद तारण, दीप्ति सिंह, अवनीश बुंदेला, संतोष सिंह परिहार, विक्की खोंगल, हृदेश किरार, फरहाना खान, राजलक्ष्मी नायक, मुनव्वर कौसर, आशिफ जकी, सबिस्ता जकी, जहीर अहमद, विक्की चौहान, त्रिलोक दीपानी, संतोष कंसाना, बी.डी. गौतम, विवेक त्रिपाठी, राजेन्द्र नाहटा, मुईनउद्दीन सिद्धीकी, निहाल अहमद, गन्नू तिवारी, चंद्रा सर्वटे, महेश मालवीय सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी, कार्यकर्ता और बाल कांग्रेस के सिपाही उपस्थित थे।

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