माओवादियों से सीधी बातचीत करे सरकार

समाजवादी विचार यात्रा 49 वें दिन रायपुर पहुंची

गांधी की तस्वीर शाखाओं एवं सभी कार्यालयों में लगाये संघ

समाजवादी समागम ने  पराली जलाने पर किसानों पर जुर्माना लगाने का किया विरोध

98 प्रतिशत प्रदूषण के लिये जिम्मेदार ओद्यौगिक इकाइयों पर जुर्माना लगाने की मांग

समाजवादी समागम द्वारा 30 जनवरी को दिल्ली से शुरू की गई भारत जोड़ो-संविधान बचाओ, समाजवादी विचार यात्रा 49 वें दिन रायपुर पहुंची। यहाँ यात्रा का स्वागत छत्तीसगढ़ में यात्रा के संयोजक मनमोहन अग्रवाल, पार्षद निश्चय वाजपई, छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन के संयोजक आलोक शुक्ला तथा समाजवादी नेता त्रिलोक मिश्रा द्वारा किया गया।

यात्रियों ने देशबंधु कार्यालय में मुख्य संपादक ललित सुरजन जी से वर्तमान चुनौतियों को लेकर विस्तृत चर्चा की।

यात्रा दल द्वारा रायपुर प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता को संबोधित किया गया। यात्रा संयोजक अरुण श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए आम नागरिकों को तैयार करना होगा। सबसे बड़ी चुनौती संविधान को बचाने की है। खर्चीले चुनाव को देखते हुए नागरिकों को चुनाव प्रक्रिया में आई विकृतियों की जानकारी देना तथा चुनाव सुधार के लिए जन आन्दोलन खड़ा करना प्रमुख उद्देश्य है।

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने केंद्र सरकार से तत्काल सी.ए.ए., एन.सी.आर., एन.पी.आर. विरोधी शाहीन बाग़ के आन्दोलनकारी महिलाओं से तत्काल बातचीत शुरू करने की मांग करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में जो मांग की जा रही  थी, वही मांग अब आर एस एस ने भी की है।  कम से कम आरएसएस के भैया जोशी जी के सुझाव पर सरकार को अमल करना चाहिए।

डॉ. सुनीलम ने आरएसएस द्वारा गाँधी जी के विचार जन-जन तक पहुँचाने के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आरएसएस को अपनी सभी शाखाओं में, कार्यालयों एवं अनुवांशिक संगठनों के कार्यालयों एवं कार्यक्रमों में गाँधी जी की तस्वीर लगाने के साथ-साथ यह भी निर्णय करना चाहिए कि संघ से जुड़ा कोई भी कार्यकर्ता गाँधी जी की हत्या को जायज नहीं ठहराएगा तथा गाँधी जी के हत्यारों के पक्ष में कोई बयान नहीं देगा तथा संघ से जुड़े जिन कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बयानबाजी की है उन्हें संघ से निकालने की कार्यवाही अविलम्ब  की जायेगी।

डॉ. सुनीलम ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना लगाये जाने का विरोध करते हुए कहा कि  दूसरे राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ सरकार एक तरफ धान का अच्छा रेट किसानों को दे रही है दूसरी तरफ किसानों को प्रदूषण फैलाने के आरोप में प्रताड़ित किया जा रहा है। डॉ. सुनीलम ने कहा कि 99 प्रतिशत प्रदूषण जिन ओद्यौगिक इकाइयों द्वारा किया जा रहा है उन इकाइयों को बंद करने तथा उनपर जुर्माना लगाने की जरूरत है। किसानों से जुर्माना वसूली की नहीं की जानी चाहिए।

डॉ. सुनीलम ने सरकार से माओवादियों से सीधी बातचीत तत्काल शुरू करने की अपील करते हुए कहा कि जब अमरीका तालिबान से पन्द्रह वर्ष युद्ध करने के बाद बातचीत कर सकता है तो छतीसगढ़ सरकार को अपने ही राज्य के माओवादियों से बातचीत करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिये। डॉ. सुनीलम ने मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को तत्काल रिहा करने की मांग की।

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए लोकतांत्रिक जनता दल की महामंत्री प्रो. सुशीला ताई मोराले ने कहा कि हम नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध इसलिये कर रहे हैं क्योंकि यह भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि मैं घुमंतू जाति से आती हूँ तथा मेरी जाति के 12 करोड़ लोगों के पास मेरी तरह ही अपने मां- बाप के जन्म प्रमाण पत्र नहीं हैं, क्या उन्हें नागरिकता से वंचित किया जाएगा?

एड. आराधना भार्गव ने कहा कि मैं रायपुर में जन्मी हूँ,  इसलिए मुझे छत्तीसगढ़ से बहुत लगाव है, मैं चाहती हूँ कि छत्तीसगढ़ केरल की ही तरह हर दृष्टि से ऐसा अग्रणीय राज्य बने जिसका अनुकरण सभी राज्य करना चाहें। उन्होंने टाटा कंपनी की जमीन किसानों को लौटने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार को भूमि अधिग्रहण क़ानून के तहत अधिग्रहित की गई सभी जमीनों को किसानों को वापिस दे देना चाहिए। जिन जमीनों पर किसानों का कब्ज़ा है। जिन्होंने मुआवजा नहीं लिया है तथा जिन परियोजनाओं को कानून के मुताबिक पांच वर्ष में पूरा नहीं किया गया है, वहां की जमीनें किसानों को वापस नहीं दी जानी चाहिए।

रायपुर प्रवास के दौरान मंथन हॉल में यात्रियों ने रायपुर के जनांदोलनों तथा प्रगतिशील संगठनों से जुड़े बुद्धिजीवियों के साथ बैठक की। बैठक की अध्यक्षता समाजवादी चिंतक आनंद मिश्र जी ने की। गौतम बंदोपाध्याय, धर्मराज महापात्र, शोभा यादव, डॉ. विक्रम सिंघल,विनयशील, सुरेंद्र शर्मा, उमा प्रकाश ओझा, जीवेश चौबे, अरुण भद्रा एवम अन्य साथी मौजूद थे। वक्ताओं ने समाजवादी विचार यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब राजनीति में विचारधारा का प्रभाव  लगातार कमजोर होता जा रहा है, राजनीति पर और जनजीवन पर बाज़ार हावी हो गया है, तब समाजवादी विचार, किसानों, मजदूरों, ग्रामीणों से जुड़ी समस्याओं तथा भारत के संविधान को लेकर जागरुकता निमार्ण का काम महत्वूपर्ण हो जाता है। वक्ताओं की यह भी राय थी कि कोरोना वायरस को लेकर बिना हड़कंप मचाए सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं को चाकचौबंद करना चाहिये। बैठक में प्लेटफार्म टिकट के रेट बढ़ा कर 50 रुपये किये जाने पर आपत्ति प्रकट करते हुए कहा कि बुजुर्गो, महिलाओं, बच्चों और विकलांगों के सहयात्रियों को पुरानी दर पर ही प्लेटफार्म टिकट मुहैया कराया जाना चाहिये।

यात्रा में राजेश वर्मा, प्रमिला, अंजना (उत्तराखंड), बापू, श्रीकांत, गजानंद, सन्देश (महाराष्ट्र) पीजे जोशी, सुजी (केरल) बाले भाई (मध्य प्रदेश) शामिल हैं।

12 राज्यों में अब तक 157 सभाएं, गाँधी जी के जन्म के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर निकाली गई यात्रा के दौरान संबोधित की जा चुकी है। 30 जनवरी को शुरू हुई यात्रा का समापन 23 मार्च को हैदराबाद में होगा।

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