प्रधानमंत्री मोदी ने उज्जैन में किया नवनिर्मित श्री महाकाल लोक का लोकार्पण

खबर नेशन / Khabar Nation

भारत की भव्यता के एक नए कालखंड का उद्घोष कर रहा है उज्जैनः नरेंद्र मोदी
उज्जैन: हमारे तीर्थ और धार्मिक स्थल हमारी आस्था के केंद्र रहे हैं। जब तक हमारी आस्था के ये केंद्र जागृत हैं, हमारी चेतना जाग्रत है, हमारी आत्मा जाग्रत है। अतीत में हमने देखा विदेशी आक्रमणकारियों ने देश पर हमले किए। हमारा शोषण हुआ, हमारी स्वाधीनता भी छिन गई। आक्रांताओं ने उज्जैन की ऊर्जा को नष्ट करने के भी भरपूर प्रयास किए। लेकिन हमारे ऋषियों ने कहा है-जो महाकाल की शरण में है, उसका मृत्यु भी क्या कर लेगी? भारत एक फिर पुनर्जीवित हो गया। उज्जैन हजारों सालों से कालगणना का केंद्र रहा है और आज आजादी के अमृतकाल में एक बार फिर भारत की भव्यता के नए कालखंड का उद्घोष कर रहा है। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उज्जैन में नवनिर्मित श्री महाकाल लोक का लोकार्पण के अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए कही। सभा को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी संबोधित किया।
सिंहस्थ में मिली महाकाल लोक के निर्माण की प्रेरणा
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत के तीर्थों, मंदिरों, मठों और आस्था केंद्रों की भावना हमेशा मानव मात्र के कल्याण की रही है। यहां महाकाल के दर्शन के लिए पूरी दुनिया से लोग आते हैं। सिंहस्थ में लाखों लोग आते हैं। हजारों सालों से हमारे यहां परंपरा रही है कि जो कुंभ मेले लगते हैं उनमें सामूहिक मंथन के बाद निकले अमृत बिंदुओं का संकल्प लेकर, अगले 12 वर्षों तक उन्हें क्रियान्वित किया जाता है। बीते सिंहस्थ में आने का सौभाग्य मुझे मिला था। उसी समय मां क्षिप्रा के तट पर कुछ विचार आए जो पहले शब्द और फिर संकल्प बन गए। वही संकल्प आज महाकाल लोक के रूप में साकार हो उठा है। उस विचार को जिन साथियों ने आज चरितार्थ करके दिखाया है, मैं उन सब साथियों, सभी महाकाल भक्तों को बधाई देता हूं। श्री मोदी ने आशा जताई कि महाकाल लोक की भव्यता समय की सीमा से परे अलौकिक दिव्यता का दर्शन कराएगी और हमारी सांस्कृतिक चेतना को नई ऊर्जा देगी। उन्होंने महाकाल लोक की कल्पना को साकार करने के लिए प्रदेश की शिवराज सरकार का जहां अभिनंदन किया, वहीं मंदिरों, ट्रस्टों, साधु-संतों तथा विद्वानों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
तीर्थों ने दिये राष्ट्र को संदेश और सामर्थ्य
श्री मोदी ने कहा कि हमारे तीर्थों ने सदियों से राष्ट्र को संदेश और सामर्थ्य दिया है। काशी जैसे स्थल धर्म के साथ-साथ ज्ञान, दर्शन और कला की भी राजधानी रहे हैं तो उज्जैन खगोल विज्ञान और एस्ट्रोनॉमी का शीर्ष केंद्र रहा है। आज जब नया भारत अपने प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है, तो आस्था के साथ-साथ विज्ञान और शोध की परंपरा को भी पुनर्स्थापित कर रहा है। हम दुनियाभर के उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेज रहे हैं। चंद्रयान और गगनयान जैसे मिशन चला रहे हैं। देश रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है और हमारे युवा अपनी प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जहां इनोवेशन है, वहीं रिनोवेशन भी है। हमने गुलामी में जो खोया है, आज भारत उसे रिनोवेट कर रहा है। देश के वैभव की पुनर्स्थापना हो रही है और इसका लाभ पूरे विश्व को मिलेगा, समूची मानवता को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान महाकाल के आशीर्वाद से भारत की भव्यता पूरे विश्व के विकास के लिए नई संभावनाओं को जन्म देगी और भारत की दिव्यता विश्वशांति का मार्ग प्रशस्त करेगी।  
महाकाल लोक भविष्य के स्वागत के लिए तैयार है
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व करने का आह्वान किया है। इसीलिए अयोध्या में राममंदिर के निर्माण का काम पूरी तेजी से चल रहा है। काशी में विश्वनाथ धाम ज्ञान और संस्कृति की राजधानी का गौरव बढ़ा रहा है। गुजरात में सोमनाथ तथा उत्तराखंड में बाबा केदारनाथ और बद्रीनाथ में विकास के नए आयाम गढ़े जा रहे हैं। चार धाम परियोजना के अंतर्गत के चारों धामों को ऑलवेदर रोड से जोड़ा जा रहा है। करतारपुर साहब कॉरीडोर श्रद्धालुओं के लिए खोला गया और हेमकुंड साहब को रोप वे के जरिए जोड़ा जा रहा है। ‘स्वदेश दर्शन’ और ‘प्रसाद’ योजना के अंतर्गत हमारी आध्यात्मिक चेतना के केंद्रों के गौरव को पुनर्स्थापित किया जा रहा है। इसी कड़ी में तैयार हुआ महाकाल लोक भविष्य के स्वागत के लिए तैयार है।
मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया का पथ प्रदर्शन करेगा भारतः शिवराजसिंह चौहान
सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि दशकों पहले एक नरेंद्र स्वामी विवेकानंद ने कहा था-मैं देख रहा हूं कि महानिशा का अंत हो रहा है और भारत माता उठकर विश्वगुरु के सिंहासन पर प्रतिष्ठित हो रही हैं। उन नरेंद्र के इस संदेश को आज दूसरे नरेंद्र यानी हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साकार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हमारे वेद, उपनिषद, गीता, योग और आयुष को सारी दुनिया तक पहुंचाया। उनके नेतृत्व में एक गौरवशाली, वैभवशाली, शक्तिशाली और संपन्न भारत का निर्माण हो रहा है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत ही भौतिकता की अग्नि में जल रही विश्व मानवता को शाश्वत शांति के पथ के दर्शन कराएगा। श्री चौहान ने कहा कि ऐसे भारत के निर्माण में हम मध्यप्रदेश के लोग भी अपना सर्वश्रेष्ठ देने का संकल्प लें।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश राज्यपाल मंगूभाई पटेल, छत्तीसगढ राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके, झारखण्ड राज्यपाल रमेश बैस, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर, वीरेन्द्र कुमार खटीक, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश शासन के मंत्री भूपेन्द्र सिंह, मोहन यादव, जगदीश देवडा, सुश्री उषा ठाकुर, सांसद अनिल फिरोजिया, पूर्व मंत्री पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल सहित विधायकगण, जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

 

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