उठो..... जागो और देखो कमलनाथ के राज में ये क्या हो रहा है ?
खबर नेशन / Khabar Nation
अगर आप सो रहे हैं तो जाग जाईए और देखिए ये क्या हो रहा है मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के राज में.......जनता के हित में आवाज उठाना गुनाह हो गया है...... अफसरों और राजनेताओं के काले और अश्लील कारनामे उजागर करने पर...... लोकतंत्र के तथाकथित कहे जाने वाले चौथे स्तंभ की एक छोटी सी ईंट को शासन प्रशासन मिलकर अवैधानिक तरीके से चूरा करने के प्रयास में अपना तन मन और ज़मीर जो है नहीं लग जाता है......विपक्ष मौन है क्योंकि वो भी इस मामले में बुरी तरह लिप्त है.....घटना कुछ इस प्रकार है
मध्यप्रदेश की राजनीतिक और प्रशासनिक वीथिकाओं को हिला डालने वाला हनी ट्रैप पुलिस ने पकड़ा है । पहले ही दिन से सरकार के हाथ एक ऐसा मुद्दा हाथ लग गया है जो अस्थिर सरकार को स्थिर करने के लिए तुरुप का पत्ता है । सो सरकार अपनी सहुलियत के साथ इसके खुलासे करना चाहती है । इस मामले की बहुत सारी बातें ऐसी हैं जो सरकार बाहर नहीं आने देना चाहती।वजह है विपक्ष को ब्लैकमेल कर सरकार को स्थिरता दिलाए रखना । इस मामले में कुछ ऐसे भी लोग आय ए एस और आय पी एस अफसर हैं जो भारतीय संविधान की नैतिकता को ओढ़कर अनैतिक और अश्लील कारनामे कर गए । ये भी नहीं चाहतें हैं कि सच बाहर आए और सच बेकरार है बाहर आने को।
सो इंदौर का संझा लोकस्वामी समाचार पत्र इस सच को बाहर लाने का बीड़ा उठा लेता है । ये क्या अभी दो मामले ही सामने आएं है वो भी भारतीय जनता पार्टी सरकार के समय के रसूखदार लोगों के और सरकार घबरा उठती है ? नहीं जनाब घबराती सरकार नहीं है घबराते हैं सरकार में बैठे हुए दिल के काले कलूटे चेहरे वाले अफसर.....
सो संझा लोकस्वामी समाचार पत्र समुह के दफ्तर , प्रकाशक के घर और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर पुलिस, नगर निगम, आबकारी विभाग, बिजली विभाग का अमला माय होम होटल पहुंच जाती है । जांच के दौरान कुछ नहीं मिलता है । हाथ मसलते हुए बाहर निकलती है और घर की तरफ रुख करती है..... घर पर कुछ नहीं मिलता तो समानांतर तलाशी अभियान छेड़े हुए संझा लोकस्वामी समाचार पत्र के दफ्तर पर अखबार के संपादक योगेन्द्र जोशी तक को अंदर जाने से रोक देती है..... अखबार के दफ्तर में पुलिस प्रशासन को वह नहीं मिलता जो वो तलाश रही है......आने वाले दिनों में किए जाने वाले खुलासों की क्लीपिंग जिसमें रसूखदार आय ए एस के काले चेहरे हैं। अब पुलिस अपनी असफलताओं से खिसियाकर प्रकाशक जीतू सोनी के पुत्र अमित सोनी ( जो स्वयं पत्रकार हैं ) को पकड़कर थाने में बिठा लेती है । अब यहां पुलिस अमित सोनी के परिजनों को उनसे मिलने से रोक रही है.....
क्या इतने बड़े आतंकवादी है हम मीडिया के लोग जिसकी आवाज दबाने लगभग पांच सौ पुलिसकर्मियों की फौज लेकर आता है पुलिस और प्रशासन ?
आखिर भोपाल में बैठे वो कौन कौन से आय ए एस और आय पी एस अधिकारी के लगातार संपर्क में थी पुलिस और प्रशासन की छापामार टीम ? और ऐसी क्या पल पल की जानकारी दे रहे थे ?