भोपाल, इंदौर सहित 5 जिलों में खुलेंगे पीपीपी मॉडल पर आधारित चिकित्सा महाविद्यालय

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चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने मंत्रालय में की समीक्षा बैठक, दिये आवश्यक दिशा निर्देश
भोपाल: प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने शुक्रवार को मंत्रालय स्थित अपने प्रतिकक्ष में पीपीपी मॉडल पर आधारित चिकित्सा महाविद्यालय शुरू करने के सम्बंध में समीक्षा बैठक की। जिसमें प्रथम चरण में प्रदेश के 5 जिलों में पीपीपी मॉडल आधारित चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना करने का निर्णय लिया गया।
निजी निवेशक को भूमि लीज़ पर उपलब्ध करायेगी राज्य सरकार
राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु निजी निवेशक को 99 वर्ष (60 वर्ष + 39 वर्ष) की लीज पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त निजी निवेशक को 300 बिस्तरीय जिला अस्पताल या शासकीय अस्पताल भी राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज निर्माण का खर्च स्वयं व्यय करेगा निजी निवेशक
बैठक में निर्णय लिया गया कि उपलब्ध कराई गई भूमि पर निजी निवेशक द्वारा स्वयं के व्यय से मेडिकल कॉलेज का निर्माण कर संचालन एवं संधारण हेतु किया जाएगा। जिसमें स्टाफ की नियुक्ति भी निजी निवेशक द्वारा की जायेगी।
DBFOT मॉडल पर PPP पार्टनर द्वारा स्वयं किया जायेगा व्यय
बैठक के दौरान मंत्री श्री सारंग ने निर्देश दिये कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना DBFOT (डिजाइन बिल्ट फाइनेंस ऑपरेट एंड ट्रांसफर) मॉडल पर PPP पार्टनर द्वारा की जायेगी। जिसके अंतर्गत निजी निवेशक द्वारा मेडिकल कॉलेज, हॉस्टल, रेसिडेंशियल कॉम्प्लेक्स, उपकरण, बुक्स एवं जर्नल्स आदि सम्मिलित होगा।  
आयुष्मान मरीजों के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को मिलेगा निःशुल्क उपचार
पीपीपी मॉडल पर आधारित इन अस्पतालों में आयुष्मान मरीजों के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को भी निःशुल्क उपचार मिल सकेगा। वहीं गैर आयुष्मान मरीजों को मार्केट दर पर उपचार की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

भोपाल, इंदौर सहित 5 जिलों में खोले जायेंगे पीपीपी मॉडल आधारित चिकित्सा महाविद्यालय
मंत्री श्री सारंग की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के दौरान प्रथम चरण में प्रदेश के 05 जिलों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, बालाघाट एवं कटनी में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना किये जाने का निर्णय लिया गया।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना की नीति के अनुसार राज्य सरकार के वर्तमान में संचालित मेडिकल कॉलेज को टीचिंग अस्पताल के रूप में परिवर्तित कर 100 एमबीबीएस सीट के प्रवेश हेतु पीपीपी आधार पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी।
बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्री निशांत वरवड़े एवं सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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