तो क्या भारतीय जनता पार्टी में महिलाएं शोपीस है ?


 33% आरक्षण लागू ,लेकिन एक भी महिला को नहीं बनाया गया जिलाध्यक्ष 
खबर नेशन /Khabar Nation


भारतीय जनता पार्टी में 33% महिला आरक्षण लागू है। इसके बावजूद एक भी महिला जिलाध्यक्ष नहीं बनाई गई। इसे महिलाओं की आवाज का अनसुनापन कहा जाए या शुचिता एवं अनुशासित पार्टी में प्रावधानों का उल्लंघन समझ से परे है ? संगठन चुनाव के दौरान नवंबर माह में हो रही रायशुमारी के वक्त पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस भाजपा जिला अध्यक्ष के पद पर महिला अध्यक्ष नियुक्त करने की पुरजोर मांग उठा चुकी है । लेकिन प्रदेश में बदले समीकरणों के बाद सत्ता हासिल होना असंतोष को दबाने की वजह बन गया । गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने 24 जिलों के जिलाध्यक्ष घोषित किए हैं । इकतीस जिलाध्यक्ष पूर्व में घोषित किए गए थे । ना पहले और ना अब एक भी महिला को जिला अध्यक्ष बनाया गया है । हांलांकि इस दौरान लगभग 6- 7 जिलों में महिलाओं के नाम रायशुमारी में उभर कर सामने आए थे । लेकिन एक को भी मौका नहीं दिया गया।
 गौरतलब है कि भाजपा संगठन में महिला आरक्षण लागू करने के बाद केंद्रीय स्तर से लेकर प्रदेश कार्यसमिति ,जिला कार्यसमिति और मंडल कार्यसमिति में महिलाओं की भागीदारी को लेकर दिशा निर्देश दिए गए । प्रमुख पदों पर इनकी नियुक्ति को लेकर कोई भी दिशा निर्देश नहीं दिया गया है ।

ऐसा होगा अब संगठन


प्रदेश कार्यसमिति 105 सदस्यों की होगी । जिसमें 35 महिलाएं शामिल की जाएंगी । इन पैंतीस महिलाओं में 9 अजा और अजजा की होंगी । इसी के साथ ही नौ महिलाओं को पदाधिकारी बनाया जाएगा, जिनमें से तीन अजा और अजजा वर्ग की होगी ।

जिला कार्य समिति के अतिरिक्त 90 सदस्य होंगे। जिसमें 30 महिलाएं एवं 6 एससी, एसटी के कार्यकर्ता होंगे।पदाधिकारियों में सात महिलाएं एवं 2 एससी, एसटी के कार्यकर्ता होंगे।
मण्डल में पदाधिकारियों की संख्या 17 होंगी। मण्डल कार्य समिति की कुल 60 संख्या होगी। अध्यक्ष के अतिरिक्त सदस्यों में 20 महिलाएं  कार्यकर्ता होंगी।
मण्डल पदाधिकारियों में भी पांच महिलाएं एवं दो एससी, एसटी के होंगे।
संगठन की संरचना में महिलाओं की भागीदारी को लेकर दिशा निर्देश तो हैं लेकिन अध्यक्ष को लेकर कोई भी दिशा निर्देश नहीं हैं ।

जब इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस से बात की तो उन्होंने कहा कि आपको भ्रम है वैसा विषय नहीं है । संगठन का निर्णय देश को दशा और दिशा देने वाला है । सूत्रों के अनुसार जबकि नवंबर माह में बीजेपी मुख्यालय में निर्वाचन पदाधिकारियों की बैठक में
अर्चना चिटनीस ने मीडिया से यह कहा था कि, 'समाज महिलाओं को अवसर, सुरक्षा और सम्मान दे ।बीजेपी समाज से अलग नहीं है। महिला अपना स्थान बना सकती है और देश हित में अपना योगदान भी दे सकती है। मैं बैठक में बात रखूंगी कि पार्टी की रीति नीति के अनुसार नई पीढ़ी को सामने लाए। क्षमतावान कार्यकर्ता सबको साथ लेकर काम कर सकें, उसकी बात करूंगी। उसमें महिलाएं भी शामिल हैं। अब यह अर्चना चिटनिस ही बता सकती है कि उन्होंने महिलाओं के अधिकारों व क्षमता को लेकर निर्वाचन पदाधिकारी बैठक में बात की भी थी या नहीं ? या फिर वे अब कुछ कहने से कतरा रही हैं ।

 

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