महामारी पर राजनीति न करें, साहस है तो सवालों जवाब दें कमलनाथ: रजनीश अग्रवाल

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली में बैठकर कोरोना महामारी पर राजनीति कर रहे हैं, लेकिन अगर उन्हें प्रदेश की जरा भी चिंता होती, तो वे इस तरह राजनीति नहीं करते, बल्कि इस कठिन समय में प्रदेश की जनता की सेवा करते और अपने उद्योगपति मित्रों को मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने के लिए प्रेरित करते। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा की जा रही बयानबाजी पर रोष जताते हुए कही। अग्रवाल ने कहा कि यदि कमलनाथ जी में जरा सा भी राजनीतिक साहस है, वे प्रदेश की जनता को इन पांच सवालों के जवाब दें।
1- केंद्र सरकार के स्पष्ट दिशा निर्देश के बावजूद भी क्या आपकी सरकार ने विदेश यात्रा से लौटे नागरिकों से सख्ती से सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरवाए थे? केंद्र द्वारा तय किये जाने के बाद भी इन लोगों को होम क्वारेंटाइन करके इनकी निगरानी क्यों नहीं की?  इन्हीं में से कुछ लोगों के कारण आज इंदौर समेत पूरा मालवा क्षेत्र संकट में है।
2- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 6 मार्च को स्वास्थ्य विभाग की एक अहम कार्यशाला आत्मसुरक्षा के उपाय हेतु तय की थी,  जिसे राज्य सरकार द्वारा नहीं किया गया ? आखिर क्यों? इसका खामियाजा पूरे स्वास्थ्य विभाग को भुगतना पड़ रहा है।
3- जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को 25 जनवरी को जानकारी देकर आगाह किया जाना तय हुआ था, लेकिन  डेडिकेटेड हॉस्पिटल, वार्ड, बेड जैसी व्यवस्थाएं तय क्यों नहीं की गईं? यह प्राथमिक कार्य भी भाजपा की शिवराज सरकार के आने के बाद किया गया।
4- केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने 27 जनवरी को मुख्यमंत्री के नाते आपसे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों और डॉक्टरों के लिए पीपीई किट्स, मास्क समेत अन्य सुरक्षा उपकरण खरीदने की जरूरत बताई थी। आप बताएंगे कि मुख्यमंत्री रहते हुए 23 मार्च तक आपने कौन से सुरक्षा उपकरण खरीदे?
5-कोरोना वायरस पर 13 मार्च को भोपाल में मीडिया द्वारा जब आपसे प्रश्न किया गया, तो आपने कोरोना वायरस की बजाय राजनीति के कोरोना को दूर करने की बात कही थी। क्या यह कोविड-19 के खतरों का मजाक उड़ाना नहीं था?  जबकि वो समय सरकारी व्यवस्था और समाज को सचेत करने का था।

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