सरकार के लिए शर्म की बात,  महिला दिवस पर महिलाओं का मुंडन : गोपाल भार्गव

- नेता प्रतिपक्ष ने कहा अतिथि विद्वानों की सुध क्यों नहीं ले रहे हैं मुख्यमंत्री कमलनाथ?
भोपाल। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ और उनकी पूरी सरकार के लिए इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या हो सकती है कि महिला दिवस पर महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए मुंडन कराना पड़ रहा है। अतिथि विद्वानों इतने दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी सुध लेने के लिए सरकार का कोई भी जिम्मेदार उनके पास नहीं पहुँचा है। मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेताओं को तो सिर्फ चिंता सरकार बचाने की है। ये बातें नेता प्रतिपक्ष श्री।गोपाल भार्गव ने कही।
उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के अतिथि विद्वान अपनी मांगों को लेकर इतने दिनों से राजधानी के शाहजहानी पार्क में आंदोलन कर रहे हैं। यहाँ पर कई महिलाएं भी अपने बच्चों के साथ हैं। वे ठंड में परेशान हो रहे हैं, लेकिन उनकी इन परेशानियों को सरकार नजरअंदाज कर रही है। सरकार की हठधर्मिता के कारण कई अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं। इस बेरोजगारी के कारण पिछले दिनों एक शिक्षक आत्महत्या कर चुका है तो वहीं एक बालक की इलाज के अभाव में मौत हो चुकी है। इसके बाद भी मुख्यमंत्री इन शिक्षकों को लेकर कोई निर्णय नहीं कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महिला दिवस पर महिलाओं को सम्मान मिलना चाहिए, लेकिन कांग्रेस के राज में महिलाओं का अपमान किया जा रहा है। इन महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरकर अपने सिर भी मुंडवाने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी को मंत्रालय से निकलकर जमीनी हकीकत भी देखनी चाहिए। सरकार इन अतिथि विद्वानों की मांगों को पूरा करें और महिलाओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ न करें।

(कार्यालय नेता प्रतिपक्ष)

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होली पर्व प्रदेशवासियों की जिंदगी में खुशियों का नया रंग लेकर आयेगा  :- नेता प्रतिपक्ष
भोपाल। नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने प्रदेशवासियों को होली की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा है कि रंगों का पर्व राष्ट्रीय एकता व आपसी भाईचारा बनाए रखने की प्रेरणा देता है। होली का यह पवित्र त्योहार प्रदेशवासियों की जिंदगी में खुशियों का नया रंग लेकर आएगा। उन्होंने प्रदेशवासियों से होली को सौहार्द और गरिमामय ढंग से मनाने की अपील की है।
नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने कहा है कि होली हमारी समृद्ध संस्कृति और परम्परा का प्रतीक है। यह पर्व सामाजिक समरसता और एकता की भावना को मजबूत करता है। यह पवित्र त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस पर्व की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि बिना किसी भेदभाव के लोग एक दूसरे के प्रति प्रेम-सद्भाव का व्यवहार रखते हैं। लोग आपस में मिलकर खुशियां बांटते हैं। होली सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है।

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