कहीं यह शिवराज की अपने एक और संकटमोचक भूपेंद्र सिंह से बनाई दूरी तो नहीं ?

 


विभाग की ग़लती , नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह का स्वास्थ्य , या मुख्यमंत्री शिवराज से खटपट ?

इंदौर के स्वर्णिम काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में शिवराज ने क्यों रखा भूपेंद्र सिंह को दूर ?

गौरव चतुर्वेदी / खबर नेशन / Khabar Nation

इंदौर आज स्वर्णिम दिवस के तौर पर भारतीय इतिहास में दर्ज होने जा रहा है । स्वच्छता अभियान में छक्का लगाने की तैयारी में जुटे इंदौर नगर निगम के आज से शुरू होने वाले गोबर-धन संयंत्र का शुभारंभ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल तौर पर करेंगे। विगत दस दिनों से तैयारियों में जुटे मध्यप्रदेश शासन और इंदौर जिला प्रशासन के बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संकटमोचक और प्रबंधन साथी नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह की इस कार्यक्रम से दूरी हैरत में डाल रही है। गौरतलब है कि भूपेंद्र सिंह इस विभाग के मंत्री भी हैं।  आखिर क्या है वजह.....?
इंदौर नगर निगम के गोबर-धन संयंत्र के शुभारंभ को लेकर मध्यप्रदेश के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञापन में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह का जिक्र नदारद है। विज्ञापन में मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओ पी एस भदौरिया का जिक्र किया गया है । 
स्वास्थ्य खराब ?
भूपेंद्र सिंह का नाम न होने को लेकर जब इस बारे में पता किया गया तो उनके निकटस्थ लोगों द्वारा बताया गया कि भूपेन्द्र सिंह का स्वास्थ्य खराब है और वे क्षेत्र में हैं । दो दिन पूर्व तक भूपेंद्र सिंह भोपाल में थे और स्वस्थ थे ।
विभागीय गलती ?
 उल्लेखनीय है कि यह विज्ञापन जारी होने के पूर्व अंतिम स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी दिखाया गया था। अगर यह नगरीय विकास एवं आवास विभाग और जनसंपर्क विभाग की गलती थी तो मुख्यमंत्री का ध्यान इस और क्यों नहीं गया ?
सिंधिया गुट की दखलंदाज़ी ?
मध्यप्रदेश में भाजपा की पुनः सरकार बनवाने में केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की भूमिका महत्वपूर्ण रही है । सिंधिया अपने 22 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। अल्पमत में कांग्रेसी मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार गिर गई। गौरतलब है कि सिंधिया के खास समर्थक परिवहन और राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत को शिवराज ने सबसे पहले अपने पांच सदस्यीय मंत्रिमंडल में शामिल किया था। उस वक्त शिवराज अपने संकटमोचक भूपेंद्र सिंह को मनमसोसकर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करा पाए। राजपूत सागर जिले से हैं और भूपेंद्र सिंह भी सागर जिले से हैं । संयोग से भूपेन्द्र सिंह के सहयोगी राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया भी सिंधिया समर्थक हैं। जिनका जिक्र विज्ञापन में है। कहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिंधिया गुट के दबाव में तो नहीं है। विगत दिनों भूपेंद्र सिंह विभागीय बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर भी तीखी नाराज़गी व्यक्त कर चुके हैं।
नरोत्तम मिश्रा तो नहीं वजह ? 
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह के बीच अक्सर एक अनजानी दूरी सी पनपी हुई महसूस की जाती है । हाल ही में हिजाब मसले पर हुई बयानबाजी में नरोत्तम और भूपेंद्र सिंह का तालमेल बिगड़ा हुआ नजर आया। संयोग से डाक्टर नरोत्तम मिश्रा इंदौर के प्रभारी मंत्री हैं । हो सकता है दूरी की एक वजह यह भी हो।

 

माना मंत्री भूपेंद्र सिंह बीमार हो सकते हैं पर वे वर्चुअल भी आ सकते थे। सवाल सम्मान की दृष्टि से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उनके नाम का उल्लेख तक नहीं किया जाना है।

 

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गौरव चतुर्वेदी / खबर नेशन/Khabar Nation

 

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