कमलनाथ बताएं क्या उन्हीं के इशारे पर गुंडागर्दी कर रहा प्रशासन: राकेश सिंह

 

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा-अंग्रेजी शासन की याद दिलाती है राजगढ़ कलेक्टर की मनमानी
खबर नेशन / Khabar Nation
भोपाल। राजगढ़ में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों को घसीटा जाता है। जिले की कलेक्टर खुद गली के गुंडों की तरह लोगों को कॉलर पकड़कर झंझोड़ती है, लोगों को सड़क पर धक्के मारकर गिराया जाता है और उनसे मारपीट की जाती है। प्रशासन की ऐसी निरंकुशता और गुंडागर्दी अंग्रेजी शासन के समय की याद दिलाती है। मुख्यमंत्री कमलनाथ को प्रदेश की जनता के सामने यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या प्रशासन उन्हीं के इशारे पर ऐसी बर्बरता दिखा रहा है? अगर ऐसा नहीं है, मुख्यमंत्री तत्काल लोकतंत्र पर प्राणघातक हमला करने वाली कलेक्टर को हटायें। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री राकेश सिंह ने राजगढ़ की घटना पर रोष व्यक्त करते हुए कही।

प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार और उसका प्रशासन जिस तरह से प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या पर आमादा है, वही कांग्रेस का असली स्वभाव है, जिसकी झलक देश की जनता आपातकाल के दौरान देख चुकी है। राजगढ़ की घटना से एक बार फिर यह साबित हो गया है कि लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार कांग्रेस को हमेशा चुभते रहे हैं और वह सिर्फ उन्हीं लोगों के प्रजातांत्रिक अधिकारों को मान्यता देती है, जो उसके वोटबैंक के दायरे में आते हैं। हैरानी की बात है कि इस प्रदेश में सीएए के विरोध में प्रदर्शन के लिये तो सरकार और उसका प्रशासन पूरा सहयोग करता है, उनके सारे गुनाह, पुलिस पर पथराव और तोड़फोड़ सब माफ। लेकिन अगर इस कानून के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना है, तो सरकार इसकी अनुमति नहीं देती। समर्थन में रैली निकालने वालों से दंगे पर उतारू भीड़ की तरह निपटा जाता है। लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जाता है।

भारतमाता की जय का नारा कब से गुनाह हो गया?

प्रदेश अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि राजगढ़ में जब भाजपा कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने भारतमाता की जय और वंदेमातरम् के नारों के साथ रैली निकालनी चाही, तो कलेक्टर निधि निवेदिता ने हमारे कार्यकर्ताओं को थप्पड़ मारे। उनकी डिप्टी कलेक्टर ने लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। उन्होंने कहा कि आज देश और प्रदेश मुख्यमंत्री कमलनाथ से यह जानना चाहता है कि भारतमाता की जय बोलना क्या इतना बड़ा गुनाह हो गया है कि उसके लिये कार्यकर्ताओं को पीटा जाए? कानून और प्रशासन की किस किताब में ऐसा लिखा है? अधिकारियों को कहां इस तरह का प्रशिक्षण मिलता है? श्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्थिति पूरी तरह अराजक हो चुकी है और कमलनाथ सरकार अराजकता की सरकार बन कर रह गई है। प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रशासन के अधिकारियों ने अपनी मर्जी से यह गुंडागर्दी और हिंसात्मक कार्रवाई की है, तो मुख्यमंत्री उनके खिलाफ तत्काल एकशन लें, कलेक्टर के खिलाफ एफआई दर्ज की जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की जनता के साथ मिलकर अहिंसा की उस शक्ति के प्रदर्शन के लिये तैयार है, जिसने देश से अंग्रेजी सत्ता को उखाड़ फेंका था। श्री सिंह ने कहा कि हम 24 जनवरी को होने वाले प्रदेशव्यापी आंदोलन में भी इस मुद्दे को शामिल करेंगे। 

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