कौन से क्षत्रप? कौन सा गढ़? सब ध्वस्त
सिंधिया फ़ोबिया कांग्रेस का महा-राज़
जिनके गढ़ गड्ढे हो गए, वो चले भाजपा को गढ़ में घेरने:मालू
खबर नेशन / Khabar Nation
सिंधिया फ़ोबिया ग्रसित कांग्रेस को प्रदेश में ग्वालियर- चंबल के ही सपने आते हैं, सत्ता जाने का स्यापा भी वे यहा आकर मनाते हैं। अब प्रदेश भाजपा का गढ़ है, और सिंधियाजी भाजपा के प्रदेश के नेता हैं। केवल ग्वालियर- चंबल के अलग से नहीं।
खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविन्द मालू ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा, जो लोग अपने आपको गढ़ के गढ़ी समझते थे, उन्हें भाजपा नें उनके कथित गढ़ में धूल चटाई चाहे कमलनाथ हों या दिग्विजयसिंह। प्रदेश के नेता कहे जाने वाले ये कथित ठेकेदार और कांग्रेस के सी-एंड-एफ एजेंट छिंदवाड़ा और राजगढ़ के बाहर अपनी किस्मत क्यों नहीं आजमाते। अजय सिंह को उनके गढ़ में कई बार पराजय का स्वाद चखना पड़ा।दिग्गी राजा भोपाल में आउट हो गए। कमलनाथ को विधानसभा में जाने के लिए अपने क्षेत्र से सीट खाली करवानी पड़ी।प्रदेश में कोई नाथ का लाल नही मिला।
अरुण यादव को खण्डवा, खरगोन में पराजय मिली। कौन से क्षत्रप? कौन सा गढ़? सब ध्वस्त। भाजपा कार्यकर्ता संगठन के आगे बेबस हैं,रुदाली कर रहें हैं।
कांग्रेस अब राम दरबार का सहारा ले रही है, जिस राम को काल्पनिक और राम सेतु के अस्तित्व को नकारती रही।
आपने कहा,सिंधियाजी को सड़क पर उतरने का आव्हान करने वाले सड़क पर उतर कर हाय सत्ता, हाय सत्ता का कोरस गा रहे है। यही कांग्रेस का महा - राज़ है।
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गौरव चतुर्वेदी
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