पत्रकारों पर हमलों में नम्बर वन मध्यप्रदेश

 

केन्द्र सरकार ने किया खुलासा


खबर नेशन /khabarnation

मध्य प्रदेश में सच का आईना दिखाने वाले पत्रकार सुरक्षित नही है।बीते दो सालों में पत्रकारों पर सबसे ज्यादा कहीं हमले हुए है तो वो मध्य प्रदेश है।ये जानकारी लोकसभा में कांग्रेसी संसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा पूछे गए संवाल के जवाब में सामने आई है।


अगर आप पत्रकार है और सच लिखना जानते हैं तो मध्य प्रदेश में आप सुरक्षित नही है।भ्रस्टाचार को उजागर करने से या सिस्टम की कमियां को दिखाने से या फिर जनता की आवाज बुलंद करने से आपको अस्पताल या फिर शमशान का रुख करना पड़ सकता है।भाजपा शासित मध्य प्रदेश का ये कड़वा सच हम नही खुद केंद्र की भाजपा सरकार ही उजागर कर रही है।संसद में दिए गए जवाब में गृह मंत्रालय ने माना है कि बीते दो सालों में पत्रकारों पर हमले के मामले में मध्य प्रदेश नंबर 1 है। हाल ही में मध्यप्रदेश के इंड़िया न्यूज चैनल पर दिए गए आँकड़ो को सामने लाया गया ।मध्य प्रदेश जहां कुपोषण मे नंबर 1 है तो महिला बलात्कार में भी ऐसे में पत्रकारों पर हमले के मामले में नंबर 1 होना बताता है कि जनता के साथ साथ जनता के हक की आवाज उठाने वाले कि आवाज भी शिव के राज में दबाई जा रही है।

 

 

गृह मंत्रालय के मुताबिक पत्रकारों पर हमले के दर्ज मामले


मध्य प्रदेश   2015 में 19 मामले   2016 में 24 मामले दर्ज।

आंध्र प्रदेश   2015 में 1 मामला   2016 में 6

राजस्थान    2015 में 5 मामले   2016 में 0 

त्रिपुरा      2015 में 0 मामले  2016 5 मामले

उत्तर प्रदेश 2015 में 1 मामला 2016 में 3 मामले

 


ये आंकड़े साफ बताते है कि मध्य प्रदेश अब पत्रकारों पर हमलों के मामले में प्रदेश में कैसे नंबर 1 है।कांग्रेस पत्रकारों पर हमले को दुर्भाग्यपूर्ण मानती है और मांग कर रही है की प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून बनना चाहिये।

पंकज चतुर्वेदी प्रवक्ता कांग्रेस 


पत्रकारों पर प्रदेश में हो रहे इन्ही हमलों की वजह से पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की बात चल रही है। पत्रकारों पर इन हमलों की वजह सिर्फ पत्रकारिता नही है।

 रजनीश अग्रवाल प्रदेश प्रवक्ता भाजपा। 


 दरअसल बेंगलुरु में हुई पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद देश भर में पत्रकारों की सुरक्षा की मांग उठी थी।जिसके बाद कांग्रेसी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ओर भाजपा सांसद संजय धोत्रे ने संसद में संवाल पूछा की क्या पिछले महीनो में पत्रकारों पर हमलों में तेजी आई है ।जिसका जवाब 19 दिसम्बर को केंद्रीय गृह राज्य हंसराज अहीर ने दिया।जिसके मुताबिक मध्य प्रदेश में पिछले 2 सालों में सबसे ज्यादा पत्रकारों पर हमले हुए है।मध्य प्रदेश के पत्रकारों का मानना है कि इन हमलों का मकसद सच को दबाना है और इनके पीछे कहीं न कहीं सत्ता में बैठे लोगों का हाथ है।


बीते दो सालो की बात भी छोड़ दें तो इस साल ही प्रदेश में दो पत्रकारों की हत्या समेत पत्रकारों पर हमले के कई मामले दर्ज हुए है।

 


-मंदसौर में पत्रकार कमलेश जैन की हत्या- मई 2017

-इंदौर में पत्रकार श्याम शर्मा की हत्या-मई 2017

-शिवपुरी जिले में पत्रकार संजय जैन पर हमला-अक्टूबर 2017


-बुरहानपुर में पत्रकार अजय उदासीन पर हमला- जून 2017।

-सुहागपुर में अरविंद चौरसिया पर हमला नवंबर 2017

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