अगर सबकुछ ठीक है, तो इस मौत का जिम्मेदार कौन शिवराज .....?


क्या इसे पढ़कर आपकी आंख नम होती है ,यह छतरपुर के एक युवा देशराज यादव का आखिरी पत्र है इस पत्र को मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ IAS अधिकारी ने सोशल मीडिया पर यह सवाल करते हुए जारी किया 

खबर नेशन /Khabarnation

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का एक युवा पिछले 7 साल से नौकरी के लिए भटकते हुए परेशान हो उठा और अंततः उसने अपनी जान दे दी । देश और प्रदेश की व्यवस्थाओं पर प्रश्न उठाते हुए मध्य प्रदेश के एक IAS अधिकारी राजीव शर्मा ने इस पत्र को सोशल मीडिया Facebook पर यह कहते हुए जारी कर दिया कि अगर इसे पढ़कर आपकी आंख नम होती है ,यह छतरपुर के एक युवा देशराज यादव का आखिरी पत्र है ।उक्त आईएएस अधिकारी की यह संवेदनशीलता है या फिर सिस्टम के प्रति  नाराज़गी ।इसका दोष वे स्वयं को भी देते हैं कि हम इस सिस्टम में रहते हुए एक बेहतर व्यवस्था लोगों को नहीं दे पाए और मैं अपनी संवेदनशीलता के चलते इस पत्र को जारी करने से रोक नहीं पाया । खत का मजमून इस प्रकार है छतरपुर का एक युवा 2011 से B.a. और Ded करने के बाद भी मध्यप्रदेश में संविदा शिक्षक नहीं बन पाया । वजह 2011 के बाद संविदा शिक्षकों की भर्ती ना हो पाना । यह सिर्फ देशराज यादव की ही व्यथा नहीं है ऐसे हजारों युवक आज भी नौकरी को तरस रहे हैं ।उक्त युवक ने 5 साल अतिथि शिक्षक के बतौर भी काम किया था लेकिन संविदा शिक्षक की भर्ती ना हो पाने से हताश इस युवक ने मौत को गले लगा लिया । राजीव शर्मा की इस वाल पर अनेक लोगों के कमेंट कहीं इस युवक के कदम को गलत बता रहे हैं तो कोई आरक्षण को लेकर भी सवाल खड़े कर रहा है । कुछ लोग सिस्टम को भी कोस रहे हैं ।बहरहाल सवाल कुछ भी हो लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि अगर सब कुछ ठीक है तो इस युवक की मौत का जिम्मेदार कौन ? आखिर सरकार लगातार अपनी  उपलब्धियों को कारपोरेट शैली में जन-जन तक पहुंचा रही है । देश-विदेश में पहुंचा रही है । इवेंट के नाम पर अरबों रुपए खर्च कर रही है । सरकार विकास के बड़े बड़े दावे कर रही है।आखिर यह पैसा जा कहां रहा ? कौन देगा इसका जवाब ? यह प्रश्न भी व्यवस्था को लेकर उठ खड़ा हुआ है ।

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