कांग्रेस के चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री ?

 

खबर नेशन / khabar Nation 

 

इस साल के  अंत में मध्यप्रदेश में होेने वाले विधान सभा चुनाव यदि कांग्रेस जीत जाती है तो फिर मुख्यमंत्री कौन बनेगा?

इस सवाल के पूछने के पीछे बहुत सारे कारण नजर आ रहे हैं। सब से पहला और बडा कारण यह है कि कांग्रेस ने अभी तक अपना मुख्यमंत्री पद के बारे में कुछ भी नहीं बताया या कहा है। इस के कारण मुख्यमंत्री को ले कर एक असमंजस की हालत बनी हुई है। अब तो यह भी एक तरह से तय ही हो गया है कि कांग्रेस चुनाव के पहले किसी का भी नाम मुख्यमंत्री पद के लिये नहीं लेने वाली है।यह और बात है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखने वाले या इस पद को ग्रहण करने वालों की कमी कम से कम कांग्रेस में तो नहीं है। मेरा तो यह मानना है कि चुनाव के पहले मुख्यमंत्री पद के लिये उम्मीदवार के बारे में उसी दल को बात करनी चाहिए जिस को इस बात का पूरा यकीन हो कि वो चुनाव जीतने ही वाली है। जिस पार्टी को चुनाव हारना ही है अगर वो मुख्यमंत्री के पद के उम्मीदवार के बारे में बात करती है ता उस को कोई मतलब ही नहीं है।

कांग्रेस के द्वारा अपने मुख्यमंत्री की बात नहीं करने का सत्ताधारी भाजपा मजाक उडाने का कोई भी मौका नहीं छोडती है। अभी हाल ही में उज्जैन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चुनाव जीतने की बात करने से पहले कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि उस का मुख्यमंत्री का चेहरा कौन है। तो कांग्रेस में मुख्यमंत्री की बनने की दौड में बहुत सारे नेता शामिल हैं।

इन में सब से पहले नाम आता है प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ का और फिर आते हैं पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया , अजय सिंह ,अरूण यादव और सुरेश पचौरी। इन में से कमलनाथ का यह कहना है कि उन को मुख्यमंत्री बनने से कुछ लेना देना नहीं है और वो यहां पर केवल कांग्रेस को जीत दिलाने के लिये आये हैं ।एक और कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह जो कि पहले भी 10 साल के लिये मुख्यमंत्री रह चुके हैं ने कह दिया है कि वो अब फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते हैं।

जब उन से पूछा गया कि क्या सोनिया गांधी या राहुल गांधी के दबाव में भी वो मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे तो उन्होने कहा कि किसी दबाव का कोई मतलब  नहीं है। अब जब दिग्विजय की ही बात चल रही है तो यह बताना बहुत जरूरी है कि 1993 के चुनाव के पहले क्या हुआ था। उस चुनाव के पहले कांग्रेस ने भोपाल के होटल जहाँनुमा में एक पत्रकार वार्ता कर के अपना          घोषणा पत्र बांटा था। इस पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के सारे बडे नेता मौजूद थे। घोषणा पत्र के बंटने के बाद एक पत्रकार ने पूछा कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के लिये कितने दावेदार हैं। किसी भी नेता नेे इस सवाल का जवाब देने की जरूरत नहीं समझी सिवाय दिग्विजय सिंह के । वे खडे हुये और कहा कम से कम मैं तो नहीं हूं। जब पत्रकार वार्ता के बाद मैं अपने कार्यालय आया तो मैंने कहा कि अगर कांग्रेस चुनाव जीतेगी तो दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री बनेंगे। मुझ से पूछा गया कि क्या कांग्रेस ने इस के बारे में या दिग्विजय ने खद ऐसा कहा है तो मैने कहा कि दिग्विजय ने यह कहा है कि वो दावेदार नहीं है। इस का मतलब यह होता है कि जिस को दावा करना है करता रहे मैं तो बन ही रहा हूँ। अब इस साल के अंत में होने वाले विधान सभा चुनाव यदि कांगेस जीतती है तो मुख्यमंत्री वहीं बनेगा जिस की किस्मत में यह पद लिखा हुआ होगा।

 

हर बार की तरह आज का अंत भी एक बहुत ही उम्दा शेर से

 

 

मां तब भी रोती थी जब बेटा खाना नहीं खाता था

और मां आज भी रोती है जब बेटा खाना नहीं देता।

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