गबन में निलंबित लोकतंत्र का पहरेदार
22 साल से बहाली की फिराक में
खबरनेशन / Khabarnation
22 साल पहले गबन के एक मामले में निलंबित को ग्वालियर जिले में निर्वाचन की जवाबदारी सौंप दी गई हैं। मजेदार तथ्य यह हैं कि निलंबित की बहाली अभी तक हो नहीं पाई हैं और इस पूरे मामले से जिला प्रशासन से लेकर निर्वाचन आयोग अनभिज्ञ हैं।
गौरतलब हैं कि निलंबित कर्मचारी अरूण शर्मा इन दिनों ग्वालियर जिला निर्वाचन शाखा में इलेक्शन सुपर वायजर के पद पर पदस्थ हैं। अरूण शर्मा को मुरैना कलेक्टर द्वारा आदेश क्रमांक क्यू/यो./बि.जन.-1/90-91/निरीक्षण टीप/मुरैना दिनांक 28-10-90 के द्वारा 80000 रूपए का अग्रिम प्राथमिक शाला भवन के निर्माण कार्य के लिए दिए गये थे। बार बार मांगने पर भी न तो इसे राशि का हिसाब दिया गया और न ही अग्रिम वापिस किया गया। इस कृत्य को गंभीर अनियमितता और गबन की श्रेणी का मानते हुए अरूण शर्मा को निलंबित कर दिया गया।
सूत्रों के अनुसार निलंबन अवधि में अरूण शर्मा ने अपना स्थानांतरण ग्वालियर करवा लिया और जानकारियाँ छुपाकर निर्वाचन शाखा में इलेक्शन सुपरवाइजर के पद पर पदस्थापना करवा ली।
विधि एवं विधायी (निर्वाचन) कार्य विभाग के असाधारण राजपत्र के अनुसार निर्वाचन सुपरवाइजर (इलेक्शन सुपरवाइजर) के संबंध में सेवा भर्ती नियम एवं मध्यप्रदेश निर्वाचन पर्यवेक्षक सेवा (तृतीय श्रेणी) भर्ती तथा सेवा शर्तें नियम 2013 में गंभीर दुराचरण या कर्तव्यों में निर्वहन में कोई चूक की गई हो ऐसे व्यक्ति को निर्वाचन शाखा में पदस्थ नहीं किया जा सकता हैं। इसी के साथ ही अगर किसी वरिष्ठ अधिकारी के संज्ञान में उक्त तथ्य आते हैं तो उसे इस उत्तरदायित्व से हटाए जाने कीा भी अधिकार दिया गया हैं।
जब इस मामले को लेकर ग्वालियर कलेक्टर राहुल जैन से चर्चा की तो उनका कहना था कि मुझे इस मामले की जानकारी नहीं हैं। मैं दिखवाता हूँ।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश सलीना सिंह से जब इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हैं तो गलत हैं। मुझे तो अभी आपके माध्यम से पता चल रहा हैं। उन्होंने तत्काल अपने मातहत अधिकारियों को इस मामले की जानकारी निकलवाने के निर्देश भी दिए।
इस मामले को लेकर इलेक्शन सुपर वायजजर अरूण शर्मा का कहना था कि मेरा निलंबन समाप्त हो गया हैं। बार बार पूछने पर भी उन्होंने अपनी बहाली से संबंधित संतोष जनक जवाब नहीं दिया।