और यूं निभ रहा है मोहन भागवत और उमा भारती का संकल्प


शिवराज सिंह चौहान के कैंप में खलबली

खबर नेशन/ Khabar Nation

मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और फायर ब्रांड नेता साध्वी उमा भारती इन दिनों मध्यप्रदेश के उपचुनावों के समर में कूद गई है। उमा की सक्रियता भाजपा की मजबूरी और भाजपा के बड़े नेताओं की आंखों की किरकिरी बन गई है । ऐसा हमेशा से होता आया है जब जब मध्यप्रदेश में उमा भारती सक्रिय हुई है तब तब प्रदेश के नेताओं की धुकधुकी बढ़ने लगती है । ख़ासकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कैंप में खलबली मच जाती है । इस बार खलबली वाले नेताओं की तादाद बढ़ गई है जिनमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय , प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रमुख है । खलबली मचने की वजह है मध्यप्रदेश के राजनैतिक हालात । कांग्रेस के सिंधिया गुट को तोड़कर सरकार तो बना ली है , लेकिन मुख्यमंत्री बनने के सपने सारे नेताओं को आ रहे हैं। राजनैतिक हलकों में संभावना व्यक्त की जा रही है कि मध्यप्रदेश में उपचुनावों के बाद किसी भी दिन मुख्यमंत्री बदला जा सकता है । ऐसे में उमा भारती का उपचुनावों में कूदना उनकी संभावना को भी कतार में शामिल करता है । अब संभावना के बलवती होने का कारण है मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का दिया गया संकल्प जो लगभग पांच साल से निर्बाध तौर पर निभता हुआ चला आ रहा है । गौरतलब है कि जब उमा भारती भाजपा से बाहर थी, तब एक मुलाकात के दौरान उन्होंने आर एस एस प्रमुख भागवत से एक संकल्प करा लिया कि वे हर माह उनसे एक छोटी मुलाकात करेंगी और भागवत इसके लिए उन्हें समय देंगे । इस दौरान यह भी संकल्प हुआ था कि उमा इस मुलाकात के दौरान अपनी कोई इच्छा व्यक्त नहीं करेंगी और सिर्फ अपना रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करेंगी । यह संकल्प उस दिन से आज तक निभता चला आ रहा है ।

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