दो रानी : एक जंगल में और एक राजधानी में

रोचक मुकाबला हो सकता है मध्यप्रदेश की राजनीति में " क्वीन ऑफ कन्ट्रोवर्सी " का और दिग्विजय की धर्मपत्नी का

खबर नेशन / Khabar Nation

दो रानी : इन दिनों मध्यप्रदेश की राजनीतिक फिजाओं को बदलने के लिए बेताब दिख रही हैं ।
 

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह जो स्वयं राघौगण रियासत से आते हैं। अपनी धर्म पत्नी अमृता राय सिंह को लेकर नर्मदा परिक्रमा पर हैं। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की धर्मपत्नी साधना सिंह चौहान अखिल भारतीय किरार महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनकर मास्टर स्ट्रोक खेल चुकी हैं।
मध्यप्रदेश की राजनीति में "क्वीन ऑफ कंट्रोवर्सी " के तौर पर भी उन्हें जाना जाता है। 

प्रदेश के राजनीतिक हलकों में शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद धर्मपत्नी साधना सिंह चौहान के प्रशासनिक दखलंदाजी के समाचार सामने आने लगे थे। डम्पर कांड, व्यापम ने इन समाचारों को और हवा दी। इसी दौरान साधना सिंह मध्यप्रदेश भाजपा महिला मोर्चा में भी सक्रिय हुई। एक समय आया जब साधना सिंह के राजनीतिक महत्वाकांक्षा की बात भी सामने आई। सूत्रों के अनुसार इस दौरान मुख्यमंत्री निवास में शिव-साधना के बीच इस महत्वाकांक्षा को लेकर तनातनी की खबर भी सामने आई। बताया जाता है कि शिवराज साधना सिंह के राजनैतिक तौर पर आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं थे। हाँलाकि शिवराज सार्वजनिक मंचों से अपने राजनैतिक उन्नयन का श्रेय साधना सिंह को देते रहे। शिवराज हमेशा यह कहना भी नहीं भूले कि वे सात जन्मों तक साधना के साथ रिश्ता निभाने की कामना रखते हैं। इसके बावजूद साधना सिंह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्वाचन क्षेत्र बुधनी के मतदाताओं और विदिशा लोकसभा क्षेत्र की जनता से सीधा संवाद रखती रही है। हाल ही में शिवराज के पुत्र कार्तिकेय के राजनीतिक तौर पर सक्रिय होने के बाद यह संभावना जताई गई कि वे अपने राजनैतिक उत्तराधिकारी को सामने ला चुके हैं। लेकिन उम्र के लिहाज से कार्तिकेय को इंतजार करना पढ़ सकता है। संभावित तौर पर साधना अगला लोकसभा चुनाव लड़ सकती है।

इधर व्यापम की हार्ड डिस्क में छेड़छाड़ को लेकर दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लगातार आरोपों के घेरे में लेते रहे। गाहे बगाहे दिग्विजय सी.एम की धर्मपत्नी साधना सिंह की भूमिका को लेकर भी आरोप लगाते रहे । दिग्विजय के तीखे हमलों से बचने में नाकाम रही भाजपा के हाथ लगे एक फोटो ने राजनैतिक हलकों मे तूफान मचा दिया । दिग्विजय सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती आशा सिंह के निधन के कुछ माह बाद ही दिग्विजय सिंह दिल्ली की एक पत्रकार अमृता राय के साथ भगवान शिव का अभिषेक करते नजर आ रहे थे। फोटो सामने आने के बाद दिग्विजय सिंह ने खुले तौर पर अमृता राय को अपनी धर्मपत्नी के तौर पर स्वीकार कर लिया। भाजपा के हाथ से तुरुप का पत्ता निकल गया । अब दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय होने और अपनी राजनैतिक छाप को बदलने नर्मदा परिक्रमा पर निकलने की घोषणा कर दी। इस दौरान अमृता राय ने भी साथ रहने का साहस दिखा डाला। दिग्विजय की नर्मदा परिक्रमा के लगभग डेढ सौ दिन पूरे होने जा रहे हैं और अमृता राय बिना शिकन लाए दिग्विजय के साथ कदमताल कर रही हैं। प्रदेश के राजनीतिक हलकों में कयास लगाया जा रहा हैं कि दिग्विजय सिंह नर्मदा परिक्रमा के बहाने राजनीति में स्थापित करने का प्रयास कर सकते हैं। 
 

बहरहाल जो भी हो दो रानियों की भूमिका राजनीति में दिलचस्प नजर आने वाली है।

Share:


Related Articles


Leave a Comment