तीन किरदार और सरकार

मासूम बच्चियों की चिता पर राजनैतिक रोटी
 

खबर नेशन / khabarnation
 

देवदुर्लभ कार्यकर्ताओं की फौज तैयार करने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उनके प्रमुख मोहन भागवत की आड़ लेकर भाजपा ने किया कारनामा। जब इंदौर शहर के देहली पब्लिक स्कूल बस दुर्घटना में काल के गाल समा गई तीन मासूम बच्चियों की कोमल देह आग से धधक रही थी । तब इंदौर के नागरिकों की आंखें भले ही नम थी लेकिन उनके मन में धधक रही आग उन चिताओं की लपटों से भी तेज उठ रही थी । इस दौरान मध्यप्रदेश में तीन किरदारों के नाम पर ऐसा घृणित खेल खेला गया , जो शर्मनाक ही नहीं घृणा की पराकाष्ठा को पार कर गया।

घटना सप्ताह भर पुरानी हैं, आज मौजू इसलिए कि कम से कम मध्यप्रदेश की देव स्वरूप साढ़े आठ करोड़ जनता इस बात से वाकिफ हो जाए कि आखिर इस प्रदेश में हो क्या रहा हैं ? इसी के साथ ही देश में भारतीय जनता पार्टी को देवदुलर्भ कार्यकर्ता का संगठन तैयार करने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को भी यह पता चल जाए कि उनके सर संघ चालक के नाम की आड़ लेकर कैसा घृणित खेल खेलते हैं ? उनके द्वारा तैयार किए गये देव दुर्लभ कार्यकर्ता।

सात दिन पूर्व भी इसके केन्द्र में थे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत और एक दिन बाद उनकी आड़ लेकर अपना खेल खेलने वाले देव दुर्लभ कार्यकर्ता । 5 जनवरी 2018 इंदौर के लिए काला शुक्रवार.. देहली पब्लिक स्कूल की बस का बायपास पर दुर्घटना ग्रस्त होना और चार बच्चों का काल कवलित होना। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का शहर में मौजूद रहना उस दौरान न दुर्घटना स्थल पर जाना और ना ही बाम्बे अस्पताल पहुंचना। इस दौरान मुख्यमंत्री इंदौर विमानतल पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का स्वागत करने मौजूद थे जिन्हें भागवत ने मिलने उज्जैन बुलाया था। मुख्यमंत्री शाह को लेकर उज्जैन चले गये।

 

 

हालांकि दो दिन बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मृत बच्चों के घर गए लेकिन तब जब इस शह रका व्यथित मन में भरा आक्रोश पानी हो गया था। हम शर्मसार हैं अपने आक्रोश के पानी होने पर।

इंदौर शहर के व्यथित मन में भरे आक्रोश को पानी कर देने वालों में कोई और नहीं भारतीय जनता पार्टी के तीन किरदार और सरकार थी। जब इंदौर का आक्रोश से भरा व्यथित मन पीपल्या पाला स्थित रीजनल पार्क के मुक्तिधाम में चिता के हवाले की जा रही मासूम बेटियों को गमगीन हालात में देख रहा था। तब सोशल मीडिया पर एक मैसेज बड़ी तेजी के साथ वायरल हो रहा था।

1. ब्रेकिंग - नंदकुमार चौहान ने दिया इस्तीफा....... अगले कुछ घंटो में कैलाश विजयवर्गीय हो सकते हैं मध्यप्रदेश भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष...... सूत्रों के हवाले से खबर।
2.अमित शाह की संघ प्रमुख से गुप्त मंत्रणा, भाजपा में बदलाव के संकेत.....

 

  फिर तो किसी मैसेज में नरोत्तम मिश्रा तो किसी में किसी और का नाम। लेकिन प्रमुख तौर पर तीन किरदारों पर ही केन्द्रित रही भाजपा। नंदकुमार सिंह चौहान, कैलाश विजयवर्गीय और नरोत्तम मिश्रा। लगभग 8-10 घंटे चले इस वायरल मैसेज से अनभिज्ञ रहा या यूं कहें कि मूकदर्शक बना रहा प्रदेश का गुप्तचर विभाग। 

दूसरे दिन याने 7 जनवरी को लगभग एक बजे के आसपास मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों के पूछने पर अपना वक्तव्य दिया कि प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चा चल रही हैं निर्मुल हैं निराधार हैं। यह मुख्यमंत्री ने तब कहा जब चारों मृतक बच्चों के घर वे परिवारजनों से संवेदना जता चुके थे। संवेदना जताना मुख्यमंत्री का काम था जो उन्होंने किया। लेकिन अफवाह का जवाब जनता के समक्ष 24 घंटे बाद आया तो क्यों ? यह एक बड़ा सवाल हैं।

राजनैतिक और प्रशासनिक हलका भी इस अफवाह पर विश्वास कर बैठा। इसलिए क्योंकि दो दिन पूर्व मोहन भागवत और अमित शाह की मुलाकात हुई थी। सहसा विश्वास करने का कारण बन जाती हैं तो फिर आम जनता कैसे बच पाती?
 

अब यह जनता को विचार कर तय करना हैं कि इस अफवाह का सूत्रधार कौन था। जो भी सूत्रधार था वो इन तीन किरदार और सरकार के बीच था। अफवाह फैलाने की वजह आम नागरिक के आक्रोश भरे व्यथित मन को पानी करना था।

सूत्रों के अनुसार इस अफवाह को फैलाने में पेड ट्रोलर की अहम भूमिका हैं जो एक वरिष्ठ नेता के इशारे पर काम कर रहा हैं। पेड ट्रोलर वो लोग होते हैं जो सोशल मीडिया पर किसी भी बात को पैसा लेकर आगे बढ़ाने का काम करते हैं।


 

Share:


Related Articles


Leave a Comment