उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस सच का खुलासा करें....?


खबर नेशन / Khabar Nation
तीन माह पहले उत्तर प्रदेश की एक मार्मिक घटना ने पूरे देश का ध्यान अपनी और खींचा था । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता स्वर्गीय श्री आनंद विष्ट का निधन हो गया था । योगी आदित्यनाथ ने परिवारजनों को एक पत्र लिखते हुए कोरोना संक्रमण के चलते अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल ना हो पाने की असमर्थता जताई थी । संपूर्ण देश ने इस मार्मिक अपील का दिल से भरपूर सम्मान किया था । 
मुख्यमंत्री योगी ने परिवार को एक मार्मिक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा- ‘अपने पूज्य पिताजी के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी शोक है। वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता थे। अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, लेकिन कोरोनावायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को यूपी की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने का कर्तव्यबोध के कारण मैं नहीं पहुंच सका। कल (21 अप्रैल) अंतिम संस्कार में लॉकडाउन की सफलता और कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं। अपील करता हूं कि अंतिम संस्कार में कम से कम लोग शामिल हों। लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ आऊंगा।’
यह उस वक्त की बात है जब उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से प्रभावितों की संख्या 1100 और मृतकों की संख्या 17 थी । आज उत्तर प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 63742 है और अभी तक 1387 लोगों की कोरोना संक्रमण के चलते मृत्यु हो गई है । उक्त आंकड़े इस लिए क्योंकि आगामी 5 अगस्त को राम मंदिर भूमिपूजन का भव्य आयोजन है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजनैतिक और धार्मिक क्षेत्र की कई प्रमुख हस्तियों सहित योगी आदित्यनाथ भी इस आयोजन में शामिल होंगे । हांलांकि आयोजन में कोविड 19 के प्रोटोकॉल के पूर्ण रुप से पालन किए जाने की संभावना है । इसके बावजूद देशभर से लाखों लोगों के अयोध्या पहुंचने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है । 
सवाल है कि क्या इस भूमिपूजन का आयोजन कोरोना संक्रमण काल के दौरान उचित होगा ?
अगर योगी आदित्यनाथ कोरोना वायरस संक्रमण के प्रोटोकॉल का पालन कराने अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए थे तो क्या कोरोना वायरस संक्रमण के प्रोटोकॉल का पालन करने इस आयोजन से दूरी बनाएंगे ?

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