शिवराज के गढ़ में ढाई करोड़ की डकैती की तैयारी


आज साक्षात देखी जा सकती है ग्यारह से लेकर पांच बजे तक

सिंधिया महाराज के गुना में भी ऐसी गड़बड़ी सामने आ चुकी है

खेल दस हजार करोड़ की संपत्ति को औने-पौने दामों में ठिकाने लगाने का

गगन चतुर्वेदी / खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में आज लगभग ढ़ाई करोड़ रुपए की डकैती की तैयारी की जा रही है । मध्यप्रदेश के सरकारी उपक्रमों को औने-पौने दामों में बेचने को लेकर बनाए गए लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा किस तरह संपत्ति का मूल्यांकन किया जा रहा है यह उसकी एक बानगी है । अगर इसी तरह सरकारी उपक्रमों को खुर्द बुर्द किया गया तो यह आंकड़ा आठ हजार करोड़ तक भी पहुंच सकता है । आप चाहें तो इसे आज साक्षात देख  सकते ग्यारह से लेकर पांच बजे तक सीहोर के पचामा स्थित मध्यप्रदेश तिलहन संघ के संयंत्र में ।
मध्यप्रदेश में सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खाली खजाने के संकट से जूझ रहे हैं । इसे भरने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों, निगम मंडल की संपत्तियों का सहारा लिया जा रहा है । 
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में विभिन्न विभागों की प्रदेश की सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण और अवैध कब्जे की जानकारी सामने आई हैं । जिसे लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग का गठन किया है । जो सरकारी संपत्तियों की कीमत तय कर उन्हें बेचेंगी ।

शीर्षक में उल्लेखित डकैती मध्यप्रदेश तिलहन संघ के पचामा संयंत्र में स्क्रैप बेचने की आड़ में की जा रही है । सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि स्क्रैप की कीमत लगभग आठ से नौ करोड़ के आसपास है । स्क्रैप की कीमत लगभग चार करोड़ 80 लाख आंकी गई है ।  टेंडर में स्क्रैप के विवरण नहीं दिए गए हैं । जिससे पचामा संयंत्र में लगे अन्य उपकरण भी बेचे जा सकते हैं । निविदा शर्तो के अनुसार वित्तीय निविदा आज तीन बजे खोली जाना है । और चार बजे से ऑक्शन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी । मनचाही पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए ऑक्शन की प्रक्रिया को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है । 
जब इस बारे में इस टेण्डर को लेकर लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा नियुक्त किए गए मध्यप्रदेश राज्य सड़क विकास निगम के मुख्य महाप्रबंधक प्रदीप जैन से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने बताया कि प्रक्रिया पूर्ण रूप से सही है । वे इस बात का समाधान कारक ज़बाब नहीं दे सके कि फायनेंसियल बिड खोले बिना ऑक्शन किस आधार पर किया जा रहा है ।

सूत्रों के अनुसार ऐसा ही एक मामला सिंधिया महाराज के गुना जिले में सामने आया था । जब संपति की कीमत 14 करोड़ 78 लाख रुपए ऑफसेट प्राइज तय की गई थी । जो नीलामी में लगभग 68 करोड़ के आसपास बेची गई । सवाल है कि संपत्तियों की कीमत इतनी कम कैसे तय की गई ?  वे कौन अधिकारी और राजनेता हैं जो मिलकर सरकारी संपत्तियों को औने-पौने दामों में ठिकाने लगाने का काम कर रहे हैं ? जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में यह खेल खेला जा रहा है तो प्रदेश में अन्य जगह क्या स्थिति होगी ।

10 हजार करोड़ से भी ज्यादा की संपत्ति
प्रदेश में तिलहन संघ के छह प्लांट है। इनकी कुल संपत्ति मिलाकर 10 हजार करोड़ से भी ज्यादा की है। हर प्लांट के पास 100 एकड़ से भी ज्यादा भूमि है और इसके अलावा प्लांट की मशीने और अन्य संसाधन भी हैं। पचामा प्लांट के पास कुल 100 एकड़ जमीन है। जिसकी कीमत 400 करोड़ है इसके अलावा मशीनें और अन्य संसाधन और प्लांट की कॉलोनी भी हैं।

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