किसके जेल जाने का रास्ता तैयार कर रहा है सपाक्स

 

सज्जन की आस दुर्जन का नास

खबर नेशन / Khabar Nation

" जय जय सपाक्स " इन दिनों मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारी और उनके परिवारजनों के मोबाइल पर एक आडियो क्लिप्स और मैसेज वायरल हो रहा है जो सरकार के कान खडे करने के लिए काफी है।प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों के संगठन सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था इस बार चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी भी कर रही है। सपाक्स के कर्ताधर्ता आकलन के बाद दावा भी कर रहे हैं कि कुछ स्थानों पर उन्हें जबरदस्त जनसमर्थन हासिल होगा। कई स्थानों पर तो सपाक्स भाजपा काँग्रेस का राजनैतिक गणित ही गड़बड़ाने की स्थिति में रहने वाली है।
बात करें सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले मैसेज की तो चल रहे मैसेज का मजमून है....." जिन्होंने हमारे जेल जाने का रास्ता तैयार किया आइए हम उनके राजनैतिक वनवास का रास्ता तैयार करें।। जय सपाक्स
आखिर सपाक्स किसे जेल भेजने की तैयारी कर रहा है।

आडियो क्लिप्स में जय जय सपाक्स जय जय सपाक्स ...निर्भय सपाक्स निर्णय सपाक्स ,है तय सपाक्स जय जय सपाक्स....सज्जन की आस दुर्जन का नाश जन मन उल्लास जय जय सपाक्स हर हर सपाक्स घर घर सपाक्स भीतर सपाक्स बाहर सपाक्स है तय सपाक्स जय जय सपाक्स
अगर इस आडियो क्लिप्स के भाव को भी देखा जाए तो सपाक्स के आक्रामक तेवर आने वाले दिनों की कहानी बयां कर रहे हैं।

आखिर क्या है सपाक्स

 सपाक्स संस्था सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था मध्य प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों का संगठन है। नये साल में SPAKS के संकल्पों को बताते हुये समाज के सभी वर्गों के मुद्दो पर खुलकर चर्चा हुई। संस्था का मुख्य उद्देश्य समाज में समता लाने समान नागरिक कानूनों की मांग कर जातिवाद के जहर से शासन और विभागों में काम कर रहे शासकीय  कर्मियों के हितों की लड़ाई लड़ना हैं। 


SPAKS MOTIVE 
सपाक्स सरंक्षक डॉ अंनत दुबे ने संकल्प से सिद्धि के नवभारत निर्माण अभियान के जातिवाद और संप्रदायवाद हटाओ के मार्गदर्शी नारे के तहत नागरिकों, कर्मचारियों, अधिकारियो की जबाबदेही तय करने को सपाक्स का असली मकसद निरूपित किया। आरक्षण को तार्किक और समय की मांग के अनुरूप आरक्षित वर्गों के असली जरूरतमंद निचले तबके तक आरक्षित सुविधाओं, सब्सिडी का लाभ दिलाने की मुहिम चलाने का संकल्प दोहराया।

सपाक्स का मुख्य उद्देश्य सरकारी नौकरियों मे एवं पदोन्नति मे आरक्षण को समाप्त कराना है। झूठे दलित एक्ट प्रकरणों की बढ़ती संख्या देखते हुये हरिजन एक्ट को तर्क संगत बनाते हुये समान नागरिक कानूनों का निर्माण कराना हैं। आदिवासी और हरिजन वर्ग के आरक्षण के प्रावधानों में पिछड़ा वर्ग के जैसे आय सीमा की बंदिश लगाते हुये क्रीमीलेयर का प्रावधान लागू कराने स्पाक्स संघर्षरत हैं। विद्यार्थियों और युवाओं में भी आयुसीमा, परीक्षा में अंको, फीस, चयन मापदंडों, उम्र के मापदंडों में कदम कदम पर होते भेदभाव को समाप्त कराने सपाक्स के कार्यकर्ता संघर्षरत हैं। 

मध्य प्रदेश मे सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा जबलपुर उच्च न्यायालय के 30 अप्रैल 2016 के ऐतिहासिक फैसले के बाद जिसमे पदोन्नति मे आरक्षण को गैर संवैधानिक मानते हुये समाप्त कर दिया गया था, के बाद एक विशेष वर्ग (SC/ST) के पक्ष मे खुलकर यह बयान दिया गया कि कोई माई का लाल आरक्षण एवं पदोन्नति मे आरक्षण को समाप्त नही कर सकता। ऐसे बयानों ने सपाक्स वर्ग को आहत और अपमानित किया और प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में 10 मई 2016 को याचिका दायर कर दी, और वकीलों की फीस देने के लिये कैबिनेट से साढ़े चार करोड़ रुपये स्वीकृत किया।
 प्रदेश मे सपाक्स समाज,युवा इकाई, छात्र इकाई, महिला इकाई का गठन कर सड़क पर उतर कर आंदोलन, सभा, रैली के माध्यम से समाज के प्रबुद्ध जन, सामाजिक संगठन, युवा, छात्र, महिला को आगे कर ये लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है और ब्लाक, तहसील एवं जिला मुख्यालयों मे सभा रैली कर जनमानस को इस अन्याय अत्याचार करने वाली सरकार को सबक सिखाकर जातिवाद को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेने का आव्हान किया हैं।

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