घंटी बजाओं की घंटी बजा रहे नरोत्तम

प्रायोजक बनी शिव सरकार के खास अफसर कतरा रहे जनसंपर्क मंत्री से चर्चा करने में

खबरनेशन / Khabarnation

देश भर में जन समस्याओं पर घंटी बजाने वाले राष्ट्रीय न्यूज चैनल ए बी पी की घंटी जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा बजाने में लग गए हैं। सूत्रों के अनुसार ए.बी .पी के कार्यक्रम शिखर सम्मेलन में प्रायोजक बनी शिव सरकार के मंत्री ने लगभग पचास लाख रुपये से संबंधित फाईल पर चर्चा लिख दिया है। बताया जा रहा हैं शिव के खास अफसर अब मंत्री के तीखे तेवर देखकर चर्चा करने से कतरा रहे हैं। चर्चा लिखें जाने के बाद से मंत्री और शिव के खास अफसर कई दफा मिल चुके हैं । आपस में बस इसी मुद्दे पर बात नहीं हो रही है।
 

गौरतलब है कि लगभग दो सप्ताह पूर्व भोपाल के पाँच सितारा दर्जे के समकक्ष होटल कोटियार्ड मैरियट में ए.बी.पी न्यूज चैनल ने शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि संवारने में लगे मुख्यमंत्री के एक सलाहकार और जनसंपर्क विभाग ने विभागीय मंत्री को विश्वास में लिए बिना प्रायोजक बनने की मौखिक मंजूरी दे दी पर आदेश जारी नहीं किया । आयोजक प्रायोजक की शर्तों के अनुसार कार्यक्रम का प्रसारण कई दफा किया जाना था। इसी के साथ ही विग्यापन का प्रसारण भी किया जाना था। मौखिक शर्तो के अनुसार चैनल ने मध्यप्रदेश सरकार पर भरोसा कर शर्तो का पालन भी कर दिया। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम के दिन विभागीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा से फाईल पर हस्ताक्षर करवाने विभाग के एक अफसर दौडते भागते ट्रेन तक पहुँचे थे लेकिन अपनी उपेक्षा से नाराज मंत्री ने फाईल पर चर्चा करें लिख दिया ।
 

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , महिला बाल विकास विभाग मंत्री अर्चना चिटनिस , भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय , प्रहलाद पटेल मध्यप्रदेश काँग्रेस के अध्यक्ष अरुण यादव , विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह , काँग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ , ज्योतिरादित्य सिंधिया शोभा ओझा को आमंत्रित किया था। इस कार्यक्रम में जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा नजर नहीं आए।
 

प्रथम चरण तक कार्यक्रम सरकार की योजना का प्रचार प्रसार करता नजर आया लेकिन बाद में पूरे कार्यक्रम का ऐजेन्डा आगामी विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में काँग्रेस का मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा पर केन्द्रित हो गई । सूत्रों के अनुसार इस कार्यक्रम के बहाने मध्यप्रदेश सरकार काँग्रेस में राजनैतिक फूट डालने का प्रयास करती नजर आई।
 

विगत पाँच दिन से मध्यप्रदेश विधानसभा और सोशल मीडिया पर चल रही मीडिया संबंधी टिप्पणी पर हो रहे बवाल की हकीकत बयां कर रहा है यह प्रकरण । काँग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सदन में आरोप लगाया था हाँलाकि उस टिप्पणी को विलोपित कर दिया गया था। लेकिन जीतू पटवारी ने सदन के बाहर मीडिया से चर्चा करते हुए कहा था कि जनसंपर्क विभाग भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उससे जुड़े आनुषांगिक संगठन के पदाधिकारियों की पत्र पत्रिकाओं को विग्यापन दिए जा रहे हैं। प्रदेश के बाहर की एड एजेंसियों को विग्यापन दिए जाने को लेकर भी आरोप लगाया था ।

अपडेट- समाचार प्रसारित होने के बाद एबीपी न्यूज के स्थानीय सूत्रों के अनुसार जनसंपर्क मंत्री और जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव एस के मिश्रा के बीच इस मामले को लेकर सहमति बन गई हैं और शीघ्र ही विज्ञापन आदेश जारी हो जायेगा। 

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